Seoni, Vinod Yadav. सिवनी जिले के आदिवासी विकासखंड में सरकारी सिस्टम का हाल बेहाल है। शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर हालत में है जहां जर्जर भवन ओर टपकती छत के नीचे लोग अपने मवेशियों को नहीं रखते ऐसे बदतर हालत में छपारा विकासखंड के कुछ स्कूलों मे बच्चे ओर शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे हैं। एक तस्वीर छपारा के ग्राम बकोड़ा की है जहां छह कमरों के इस माध्यमिक शाला भवन की छत और दीवार से पानी सीपेज मार रहा है। वहीं छत का प्लास्टर भी गिर रहा है और उसी छत के नीचे बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर है। इस स्कूल मे पहली से लेकर कक्षा 12 तक 272 बच्चे अध्ययनरत है। यहां पर एक - एक कमरे में दो क्लासें संचालित होने से भी बच्चो की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
शाला के प्राचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी की बिल्डिग नहीं होने से 9से 12 की कक्षाओ को इसी जर्जर भवन के नीचे लगाया जा रहा है वही इस परिसर में एक अतिरिक कक्ष है जिसमे एक से पांच तक की क्लासों को लगा कर छात्र छात्राओं को शिक्षा दी जा रही है। दूसरी तस्वीर भी छपारा ब्लॉक के ग्राम जामनपनी के प्राथमिक शाला भवन की है जहां शिक्षा विभाग का सिस्टम पॉलीथिन पर है। भवन जर्जर हालत में होने ओर पानी टपकने के कारण स्कूल के शिक्षकों को पॉलीथिन लगाकर बैठना पढ़ रहा है। वही बच्चों को हादसे होने के डर की वजह से पहली से पांचवीं कलास आंगनवाड़ी भवन में लग रहा है जहां 45 बच्चे अध्ययनरत है।
बता दें कि सरकार सीएम राइस स्कूल के लिए बिल्डिंग बनाने की कवायद कर रही है वही पूर्व से बने हुए स्कूल भवनों की बदतर स्थिति शिक्षा विभाग के सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है। जिले में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं की स्कूलों की स्थिति खराब है लेकिन सरकारी सिस्टम को लेकर वे भी लाचार है उनका कहना है कि बिल्डिंग को लेकर प्रस्ताव भेज चुके हैं लेकिन शासन स्तर पर फाइलें धूल खा रही है।