अवैध खनन में पूर्व मंत्री पटवारी के रिश्तेदारों पर 5.9 करोड़ का अर्थदंड बरकरार

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Lalit Upmanyu
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अवैध खनन में पूर्व मंत्री पटवारी के रिश्तेदारों पर 5.9 करोड़ का अर्थदंड बरकरार

Indore.पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के दो रिश्तेदारों चेतन पटवारी और कुणाल पटवारी (दोनों निवासी बिजलपुर) पर अवैध खनन के मामले में 5 करोड़ नौ लाख 26 हजार अर्थ दंड 

अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर ने बरकरार रखा है। इस मामले में वसूली नोटिस भी  जारी हो गया है। यह राशि उन्हें 13 मई तक जमा करवाना होगी, अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई होगी। इस मामले में पूर्व में दोनों 

रिश्तेदारों के खिलाफ एफआईआर भी  दर्ज हो चुकी है। 

 

मामला जिले के ग्राम कैलोद करताल तहसील बिचौली हप्सी का है। यह इलाका जीतू पटवारी की राऊ विधानसभा का हिस्सा है। यहां पर 5.473 हैक्टेयर सरकारी जमीन से अवैध खनन हो रहा था। जून-2020 में  खनिज विभाग और राजस्व  विभाग ने संयुक्त कार्रवाई की थी। तब मौके से बिना नंबर की एक पोकलेन मशीन, एक डंपर जिसमें 15 घन मीटर मुरम भरी थी, जब्त किया गया। पोकलेन चालक राजा पिता मुंगी ने बताया कि  उक्त उत्खनन पोकलेन मालिक चेतन पिता अनिल पटवारी और कुणाल पिता मुकेश पटवारी द्वारा बिना परमिशन के कराया गया है। उस समय जब्ती दल से विवाद के कारण तेजाजी नगर थाने में एफआईआर भी की गई थी। खनन और बाजार में बेची गई खनन संपदा का हिसाब और उस पर रायल्टी राशि अधिकतम तीस गुना पेनाल्टी मिलाकर प्रशासन ने नवंबर 2020 में दोनों पर कुल 5 करोड़, नौ लाख, 36 हजार दो सौ रुपए अर्थदंड किया था।



कोर्ट में मात खाई



प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ  चेतन पटवारी और कुणाल पटवारी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां दोनों ने तर्क दिया कि अवैध उत्खनन  उन्होंने नहीं किया है। प्रशासन ने 19 जून 2020 को मौके पर जो पंचनामा बनाया उसमें भी उनका नाम नहीं है, जबकि 21 जून 2020 को बनाए पंचनामें में भी द्वेषतापूर्वक नाम जोड़ा गया था। हालांकि प्रशासन ने तेजाजी नगर थाने में दर्ज एफआईआर सहित अन्य तर्क अपनी कार्रवाई के पक्ष में दिए उसके बाद उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि प्रशासन दोनों को अपना पक्ष रखने का मौका दे। प्रशासन ने दोनों को नोटिस जारी कर सुनवाई का मौका दिया। अंततः  13 अप्रैल 2022 को अपने पुराने  आदेश को यथावत रखते हुए दोनों पर 5 करोड़, नौ लाख 26 हजार दौ रुपए अर्थदंड बनाए रखा।  यह राशि उन्हें 13 मई 2022 तक जमा कर रसीद प्रस्तुत करना है। 



मेरी जानकारी में नहीं है



मामले  में 'द सूत्र' ने जब चेतन पटवारी का पक्ष जानना चाहा  तो उन्होंने कहा-मेरी जानकारी में नहीं है। मैं घर पर बात करके आपको कॉल करता  हूं। हालांकि बाद में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। 




 


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