BALAGHAT : बढ़ता जा रहा नक्सलवाद, 6 दलम एक्टिव; आदिवासी लड़कियों से शादी कर रहे नक्सली, पुलिस को बताते हैं दुश्मन और खुद को दोस्त

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Rahul Garhwal
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BALAGHAT : बढ़ता जा रहा नक्सलवाद, 6 दलम एक्टिव; आदिवासी लड़कियों से शादी कर रहे नक्सली, पुलिस को बताते हैं दुश्मन और खुद को दोस्त

BALAGHAT. मध्यप्रदेश के बालाघाट में 3 नक्सल कमांडरों के एनकाउंटर के बाद नक्सलवाद बढ़ रहा है। बालाघाट और उसके आसपास के जंगलों में 6 दलम एक्टिव हैं। दलम नक्सलियों का ब्लॉक लेवल का स्ट्रक्चर होता है। नक्सली जिस इलाके में काम करते हैं उसी इलाके पर इसका नाम होता है। एक दलम में कमांडर के साथ 20 सदस्य होते हैं। पुलिस अफसरों का मानना है कि बालाघाट और उसके आसपास 100 से 110 नक्सली एक्टिव हैं।



पुलिस ने तैयार किया नक्सलियों का रिकॉर्ड



बालाघाट पुलिस ने नक्सलियों का रिकॉर्ड तैयार किया है। कई नक्सलियों की फोटो तक पुलिस के पास नहीं है। फोटो अगर हैं भी तो वे 10 से 20 साल पुराने हैं। अगर नक्सली पुलिस के सामने आ जाते हैं तो उन्हें पहचानने में भी मुश्किल होगी। नक्सली गांव में पकड़ बनाने और आदिवासियों का भरोसा जीतने के लिए उनकी बेटियों से शादी कर रहे हैं। 2 दिन पहले हुई मुठभेड़ में जोनल कमांडर नागेश, एरिया कमांडर मनोज और महिला कमांडर रामे को पुलिस ने ढेर कर दिया था तो वहीं 15 से ज्यादा नक्सली पुलिस की घेराबंदी के बाद भी भाग निकले थे।



1 नक्सली पर 10 से 15 लाख तक का इनाम



मध्यप्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक ज्यादातर नक्सलियों पर इनाम घोषित है। इनाम 3 से 7 लाख रुपए तक का है। 50 नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस ने भी 5 से 10 लाख रुपए तक का इनाम घोषित किया है। 3 राज्यों में एक नक्सली पर करीब 10 से 15 लाख रुपए तक का इनाम है। सूत्रों के मुताबिक 3 राज्यों की पुलिस ने नक्सलियों पर करीब 20 करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया है। इनाम की राशि नक्सलियों के कैडर के हिसाब से बढ़ती जाती है।



बालाघाट 3 राज्यों का ट्राई जंक्शन, इसलिए बढ़ रही नक्सली गतिविधियां



बालाघाट नक्सलियों का सेंटर बना हुआ है। बालाघाट मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ का ट्राई जंक्शन है। इसलिए वहां पर नक्सली गतिविधियां बढ़ रही हैं। पहले से यहां टांडा और मलाजखंड दलम थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 6 हो गई है। यहां नक्सलियों का मूवमेंट लगातार बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़, राजनांदगांव और महाराष्ट्र के गोंदिया-गढ़चिरोली के जंगलों से बालाघाट जुड़ा हुआ है। इस बेल्ट में सबसे ज्यादा आदिवासी गांव हैं।



मध्यप्रदेश के जंगलों में 2 डिवीजनल कमेटी और 6 दलम



2 डिवीजनल कमेटी




  • जीआरबी (गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट ) डिवीजन


  • कान्हा भोरम देव डिवीजन



  • 6 दलम




    • दर्रेकसा दलम


  • टांडा दलम

  • खटियामोचा

  • विस्तार-2

  • विस्तार-3

  • मलाजखंड दलम



  • '2016 के बाद नक्सलियों के दलम बढ़े लेकिन दायरा नहीं'



    एंटी नक्सल सेल के IG साजिद फरीद शापू का कहना है कि 2016 के बाद नक्सलियों के दलम बढ़े हैं लेकिन उनका दायरा नहीं बढ़ने दिया गया। कान्हा में सुरक्षा बलों ने 2 कैंप लगाकर नक्सलियों का रास्ता रोक दिया है। 2016 के बाद नक्सलियों ने विस्तार का प्लान बनाया था जिसके तहत उनकी एक्टिविटी बढ़ी है। स्थानीय स्तर पर मदद नहीं मिलने पर कई नक्सली वापस लौट रहे हैं।


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