जबलपुर में महापौर के कार्यकाल के 6 महीने पूरे फिर भी विकास कार्य अधूरे, नर्मदा नालों के पानी से मैली; ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधरी

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Rahul Garhwal
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जबलपुर में महापौर के कार्यकाल के 6 महीने पूरे फिर भी विकास कार्य अधूरे, नर्मदा नालों के पानी से मैली; ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधरी

राजीव उपाध्याय, JABALPUR. महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के कार्यकाल के 6 माह पूरे हो गए हैं। शहर की जनता को आशा थी कि शहर तेजी से विकास की पटरी पर दौड़ेगा, लेकिन शहर में अभी कई काम अधूरे हैं। इन कामों का जिक्र महापौर के संकल्प पत्र में भी था। जबकि महापौर का दावा है कि उन्होंने जो वादें किए थे, उन्हें पूरा करने की प्रोसेस शुरू हो गई है। कई कामों के टेंडर भी हो चुके हैं।





ये हैं संकल्प पत्र के बिंदु







  • शहर दो साल के अंदर मध्यप्रदेश का नंबर वन शहर बनेगा।



  • नर्मदा में नालों का पानी मिलने से रोका जाएगा। नर्मदा के घाटों को व्यवस्थित किया जाएगा। शत- प्रतिशत घरों में नर्मदा का पेयजल पहुंचाया जाएगा।


  • यातयात को व्यवस्थित किया जाएगा। मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी।


  • मेट्रो बस की लचर व्यवस्था ठीक की जाएगी।






  • इसके अलावा शहर को पर्यटन हब बनाना, बेरोजगारों को प्रशिक्षण, टैक्स का सरलीकरण, श्मशान घाटों को व्यवस्थित करना, सीवर लाइन के अधूरे कार्य को पूर्ण करना, डोर टू डोर कचरा क्लेक्शन को ठीक करना व अन्य संकल्प लिए थे।





    ये है हकीकत







    • जबलपुर में नर्मदा में मिल रहा है नालों का पानी



  • नर्मदा जल बरसों से प्रदूषित हो रहा है। अब तक पिछले तीन महापौर ने एसटीपी लगाकर इसे रोकने प्रयास किए, जिसमें करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन वह नाकाफी है।


  • इस तरह मिल रहे नाले: नर्मदा में खंदारी नाला, शाहनाला, परियट और गौर नदी से गंदगी मिल रही है। इसके अलावा ग्वारीघाट में नर्मदा के बड़े तट, दारोगाघाट, खारीघाट में नालों का पानी मिल रहा है। यहां बसी कॉलोनी के सीवेज का पानी भी नर्मदा में मिल रहा है। तिलवाराघाट में शाहनाला, खंदारी नाले का पानी मिल रहा है। 


  • यातायात व्यवस्था बदहाल


  • शहर की यातायात व्यवस्था बदहाल है। पार्किंग की सुविधा नहीं है। मल्टी लेवल पार्किंग की जरूरत है। जो नहीं बनाई गईं। केवल दो पुरानी मल्टी लेवल पार्किंग हैं, जिनमें से एक स्मार्ट सिटी ऑफिस के परिसर में है, जहां अधिकारियों के वाहन पार्क होते हैं। मार्केट में यातायात व्यवस्था को सुधारने मल्टी लेवल पार्किंग नहीं है।


  • सीवर लाइन का काम अधूरा है।


  • डोर टू डोर कचरा कहीं उठ रहा है।


  • सड़कों पर अतिक्रमण है।






  • क्या कहती है शहर की जनता?





    गंजीपुरा व्यापारी संघ के अध्यक्ष विक्रांत जैन का कहना है कि महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू का संकल्प पत्र मुझे याद है। उन्होंने नर्मदा में नाले मिलने रोकने वादा किया था, जिसे पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। मल्टी लेवल पार्किंग बनना चाहिए। इस पर अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ है। मल्टी लेवल पार्किंग जहां चिन्हित की गई थी, अभी वहां का टेंडर भी नहीं हुआ है। मेन मार्केट में पार्किंग नहीं है। इससे जाम लगता है। अतिक्रमण हटना चाहिए। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से कचरा भी नहीं उठ रहा है।





    नर्मदा में नाले मिल रहे





    सराफा व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजा सराफ का कहना है कि महापौर ने एमआईसी में ज्वैलरी क्लस्टर को पास कराया। यह ज्वैलरी व्यापारियों के लिए खुशी की बात है। लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था जर्जर होने के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है। पार्किंग नहीं है, अतिक्रमण है। नर्मदा में नाले मिल रहे हैं। इसे रोकना चाहिए।





    धरातल पर नहीं दिख रहा काम





    मां नर्मदा प्रदूषण नियंत्रण विकास समिति के अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा का कहना है कि मुख्यघाट से लेकर भटौली तक करीब 10-12 नालों का पानी नर्मदा में मिल रहा है। इसे रोकने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधि कुछ नहीं कर पा रहे हैं। यहां एक एसटीपी मुख्य घाट पर लगा है, जो पर्याप्त नहीं है। महापौर ने नर्मदा में नाले मिलने रोकने पहली फाइल पर दस्तखत किए थे, लेकिन अभी धरातल पर काम नहीं दिख रहा।





    अगले 3 साल में ढाई लाख घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा : महापौर





    महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू का कहना है कि मैंने शपथ ली थी कि नर्मदा के जल को स्वच्छ किया जाएगा। इसके अंतर्गत अब तक नर्मदा शुद्धिकरण के लिए एसटीपी लगाने, फिल्ट्रेशन के लिए टेंडर हो चुके हैं। आने वाली दीपावली के पूर्व यह प्लांट लग जाएंगे। इसके बाद नर्मदा जल प्रदूषित नहीं होगा। अगले तीन साल में ढाई लाख घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। नाइट स्विपिंग का काम चल रहा है। 200 से 250 करोड़ रुपए का टेंडर सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए किया है। 31 मार्च तक यह हो जाएगा। सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाएगा। दो वर्ष के अंदर एक लाख घरों को नर्मदा जल मिलने लगेगा। एक अच्छी व्यवस्था यह की है कि लोगों की घरों में ही जन्म मृत्य प्रमाण पत्र भेजा जा रहा है। शहर को महानगर की श्रेणी में लाया जाएगा। स्वच्छता में रैंकिंग 22वें नंबर पर है। इसे सुधारकर 10वें या 5वें नंबर पर और आने वाले वर्षों में अव्वल नम्बर पर लाया जाएगा। यातायात व्यवस्था बहुत बेहतर होगी। कई मल्टी लेवल पार्किंग बनाई जानी हैं। अतिक्रमण हटाए जाएंगे। इससे जनता और व्यापारी वर्ग को सुविधा मिलेगी।



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