Jabalpur. जबलपुर में आयुष्मान योजना के हितग्राही मरीजों के नाम पर शासन को चूना लगाने वाले डॉक्टर अश्वनी पाठक और उनकी पत्नी डॉक्टर दुहिता पाठक के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट पेश कर दी। पुलिस द्वारा तैयार करीब 700 पन्नों की चार्जशीट गिरफ्तारी के 89वें दिन पेश की गई। पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है कि इसलिए चार्जशीट सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत पेश की गई है। लॉर्डगंज थाने में दंपती के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज, आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
चार्जशीट में 100 से ज्यादा लोगों के बयान
जानकारी के मुताबिक चार्जशीट में अस्पताल के कर्मचारियों, होटल वेगा में मरीज बनकर भर्ती हुए लोगों समेत 100 लोगों के बयान हैं। इसके अलावा भोपाल के आयुष्मान योजना के दफ्तर से मिली विभिन्न मरीजों की फाइलें, जांच रिपोर्ट और अन्य सबूत भी चार्जशीट में अटैच किए गए हैं।
दलालों की पुलिस को तलाश
पुलिस को इस फर्जीवाड़े में शामिल मुख्य दलाल रईसा बेगम की तलाश है। जिसके लिए पुलिस ने उस पर ईनाम का ऐलान भी कर दिया है। रईसा के अलावा पुलिस को 3 और दलालों की भी तलाश है। इसके अलावा पुलिस को गोहलपुर निवासी एक शख्स की भी तलाश है जिसका नाम अयाज है, सूत्रों की मानें तो यही शख्स अस्पताल में आने वाले कई मरीजों के आयुष्मान कार्ड बनवा चुका था।
यह था मामला
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर होटल वेगा में छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया था। जहां पुलिस को होटल के अंदर आयुष्मान योजना के मरीज अवैध रूप से भर्ती मिले थे। जिसके बाद पुलिस ने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के संचालक डॉ दुहिता पाठक उनके पति डॉ अश्वनी पाठक को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि यहां आयुष्मान योजना के हितग्राहियों को पैसे का लालच देकर भर्ती कराया जाता था जिनमें से कई को तो कोई बीमारी ही नहीं थी।