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Jabalpur. जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों ने प्रबंधन से अग्रिम राशि ले रखी है। इस राशि का समायोजन नहीं हो पाया है। जिसके चलते भोपाल से यह आदेश आया है कि इन कर्मियों से हर हाल में राशि की वसूली की जाए। इसके लिए अब विश्वविद्यालय प्रबंधन सख्त रुख अपनाने जा रहा है। डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मियों को नोटिस जारी हो चुके हैं, इसके बाद उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
आरडीयू में कभी किसी आयोजन के नाम पर तो किसी अन्य कार्रवाई के लिए या फिर टूर के नाम पर अधिकारियों कर्मचारियों ने अग्रिम राशि ले ली थी और फिर इसे वापस नहीं लौटाया था। सालों से चली आ रही इस प्रक्रिया में यह राशि अब 77 लाख 72 हजार 487 रुपए तक पहुंच गई है। जिन्होंने यह राशि ली उनमें से कुछ शिक्षक और कर्मचारी रिटायर भी हो चुके हैं, लेकिन प्रबंधन उनसे यह राशि लेना ही भूल गया। हर साल महालेखाकार ने आपत्ति भी लगाई लेकिन प्रबंधन इसे नजर अंदाज करता रहा।
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प्राइवेट कॉलेजों के लोगों को भी भुगतान
विश्वविद्यालय में अग्रिम राशि कुछ ऐसे कर्मचारियों को भी दे दी गइ्र जो अब प्राइवेट कॉलेज में पदस्थ हैं। इनसे राशि कैसे वसूली जाए इसके प्रयास हो रहे हैं। इसी तरह कुछ कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है, कुछ रिटायर हो चुके हैं और उनके सारे भुगतान भी हो चुके हैं। माना जा रहा है कि ऐसे में इस राशि की वसूली में काफी कठिनाइयां भी आनी हैं। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा राशि स्पोर्ट्स के नाम पर निकाली गई।
परीक्षा, खेल और अन्य आयोजनों के लिए कई बार शिक्षक-कर्मचारी विश्वविद्यालय से अग्रिम भुगतान ले लेते हैं। जिसके आयोजन के बाद पूरा हिसाब-किताब वित्त विभाग को दिया जाता है, लेकिन अधिकतर कर्मचारियों ने अग्रिम लेने के बाद कुछ हिसाब ही नहीं दिया। कुछ तो 10-10 साल से यह राशि दबाकर बैठे हैं और फिर रिटायर भी हो चुके हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि ऐसे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय एनओसी कैसे दे दी गई।
रादुविवि के प्रभारी वित्त अधिकारी एनजी पेंडसे ने बताया कि लंबे समय से जिन पर अग्रिम राशि बकाया है ऐसे प्रोफेसरों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। सभी से वसूली की जाएगी, इसके लिए वेतन रोकने और अन्य कार्रवाई की तैयारी की गई है।