विदिशा में 8 गरीब बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं मिला प्रवेश, मदरसे में पढ़ने को मजबूर, शिक्षा विभाग को दिया गया नोटिस 

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विदिशा में 8 गरीब बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं मिला प्रवेश, मदरसे में पढ़ने को मजबूर, शिक्षा विभाग को दिया गया नोटिस 

 अविनाश नामदेव, Vidisha. एमपी के विदिशा में शिक्षा विभाग की बेहद गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां सरकारी स्कूल में दर्ज कुछ बच्चों को अजीबोगरीब बहाने बताकर प्रवेश न देने और उन्हें पढ़ाई से वंचित रखने का सनसनीखेज मामला सामने आया है और खास बात यह है कि करीब 8 बच्चों को अब मदरसे में पढ़ने को मजबूर हैं। इस बात की शिकायत सफल शिक्षा एनजीओ के संचालक मनोज कौशल द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग (NCPCR) से की गई थी। 4 दिन पहले की गई शिकायत के बाद जब मामले में शिक्षा विभाग को नोटिस मिला तब शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। 



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मदरसे में मिले 8 बच्चे..



कक्षा 1 




  • 1. प्रीति /शंकर


  • 2.भारती/ राजकुमार

  • 3. खुशी / बद्री प्रसाद



  • कक्षा 2




    • 4. सोनम / तुलसीराम




    कक्षा 3




    • 5. प्रताप /लखन 


  • 6. चांदनी / प्रेमसिंह 



  • कक्षा 4.




    • 7.ज्योति / रामू


  • 8. पिंकी / रामू

     



  • स्कूल आने की अनुमति नहीं 



    आज इसी मामले को लेकर स्कूल और मदरसे में जांच भी की जा रही है। सफल शिक्षा एनजीओ के संचालक मनोज कौशल ने बताया कि वे करीब 4 गरीब बस्ती में पन्नी बीनने वाले और रोजमर्रा का धंधा करने वाले परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने का काम करते हैं। उन्होंने शासकीय स्तर पर स्कूलों में इन बच्चों का एडमिशन कराया था। तोपपुरा सरकारी स्कूल में 8 बच्चों को प्रवेश तो दे दिया गया लेकिन पढ़ाई के लिए उन्हें स्कूल में आने की अनुमति नहीं दी गई थी। कभी उन्हें बिना नहाए स्कूल आने, उनमें बदबू आने की कहकर भगा दिया जाता था।  ऐसा आरोप लगाते हुए उन्होंने राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग में शिकायत की थी। बताया गया कि वही 8 बच्चे तोपपुरा स्कूल में जब शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे तब वो नजदीक ही मौजूद मदरसे में जाने लगे। 



    शिक्षा विभाग कर रहा जांच-पड़ताल 



    वहां के शिक्षक सुरेश कुमार ने बताया कि करीब 8 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें तोपपुरा स्कूल में पढ़ने नहीं दिया जा रहा था तो वह बच्चे यहां मदरसा आने लगे, उन्होंने यह भी बताया कि उनके दस्तावेज मां-बाप द्वारा उन्हें दिए गए हैं लेकिन उनका नाम मदरसे में दर्ज नहीं किया गया और वह सिर्फ यहां पढ़ने आते हैं जबकि इस पूरे मामले को लेकर तोपपुरा स्कूल की शिक्षिका रेखा चिढ़ार का कहना है कि उन्होंने किसी बच्चे को यहां आने से नहीं रोका और उन पर लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं।  सरकारी विभाग द्वारा सभी बच्चों की मैपिंग भी की जाती है उसमें भी कुछ गड़बड़ी की बात सामने आई है। अब शिक्षा विभाग इस पूरे मामले को लेकर जांच-पड़ताल कर रहा है। प्रारंभिक तौर पर राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग (NCPCR) को की गई शिकायत सही दिखाई दे रही है। NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है।


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