भोपाल. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया (Hamidia Hospital) में गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां 9 AC के आउटर चोरी हो गए और किसी को पता तक नहीं चला। चोरी की ये वारदात डेढ़ साल पुरानी बताई जा रही है। लेकिन इसका खुलासा द सूत्र की उस खबर से हुआ है। जिसमें दिखाया गया था कि अस्पताल में साढ़े पांच करोड़ कीमत की गामा कैमरा मशीन (Gamma Camera Machine) बंद पड़ी है। प्रशासन ने मशीन को चालू करने की कोशिश की। इसके बाद अस्पताल प्रशासन को 9 एसी चोरी होने का पता चला। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में 5 नए एसी लगवा दिए। अस्पताल प्रशासन ने चोरी के इस मामले को दबाने की कोशिश की। इसलिए मामले की अब तक FIR भी दर्ज नहीं हुई है।
साढ़े पांच करोड़ की मशीन बंद
16 अगस्त को द सूत्र ने एक्सक्लूसिव खबर में बताया था किस तरह हमीदिया अस्पताल में करीब साढ़े पांच करोड़ की गामा कैमरा मशीन धूल खा रही है। हमीदिया प्रशासन जानबूझकर इस मशीन को चालू नहीं कर रहा है। लेकिन इसका खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं। दरअसल, मशीन बंद होने के कारण कैंसर (Cancer) की जांच के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है। दूसरी तरफ सीटी स्कैन के लिए निजी कंपनी को लाखों रुपए महीने दिए जा रहे हैं। जबकि इसी गामा कैमरे से सीटी स्कैन भी किया जा सकता है।
द सूत्र की खबर से चोरी का खुलासा
द सूत्र की खबर का असर ये हुआ कि हमीदिया प्रशासन ने गामा कैमरे को चालू करने की कवायद शुरू कर दी। लेकिन वर्षों से बंद कमरे को जब खोला तो अधिकारी ही चौंक गए। टेस्टिंग के दौरान एसी चालू ही नहीं हुए। पता चला कि सभी 9 एसी के आउटर चोरी हो गए है। दरअसल मशीन को ओवरहीट से बचाने के लिए एसी लगाए जाते हैं। लिहाजा 2015 में जब मशीन लगाई गई थी तब एसी भी लगाए गए थे। जिसके बाद आनन-फानन में 5 नए एसी लगवाए गए।
मामले को दबाने की कोशिश
द सूत्र की टीम ने इस मामले पर अधीक्षक डॉ. लोकेंद्र दवे से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि एसी चोरी हुई है। उनका कहना है कि घटना डेढ़ साल पुरानी है। लेकिन खुलासा होने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। हमीदिया अस्पताल की सिक्योरिटी और सफाई पर हर साल 12 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश की कंपनी यूडीएस (UDS) के पास है। द सूत्र ने जब डॉ. दवे से पूछा कि क्या वे सुरक्षा एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, क्या नए एसी लगाने की रकम की वसूली की जाएगी ? तो उन्होंने जांच की बात कहते हुए सवाल को टाल दिया। या यूं कहे कि चुप्पी साध ली। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई जा रही? सुरक्षा एजेंसी पर हमीदिया प्रशासन इतना मेहरबान क्यों है ?