छात्रा की हथेली पर लिखी थी नक़ल ,पकड़ने पर सबूत जुटाने में एग्जामनर को आखिर पसीना क्यों छूटा

author-image
Dev Shrimali
एडिट
New Update
छात्रा की हथेली पर लिखी थी नक़ल ,पकड़ने पर सबूत जुटाने में एग्जामनर को आखिर पसीना क्यों छूटा

GWALIOR. ग्वालियर -चम्बल में स्कूल से लेकर कॉलेज तक में नक़ल हुआ कोई नयी बात नहीं है और इसको रोकने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा फ़्लाइंग स्क्वाइड भी बनाये जाते हैं। नक़ल पकड़ने पर नक़ल की पर्ची हो या फिर मोबाइल सेट जप्त करके नकल केस में नत्थी किया जाता है लेकिन आज विश्वविद्यालय में पकडे गए नक़ल के एक केस में अधिकारियों को एक घंटे कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें समझ नहीं आ रहा था  कि वे नक़ल के सबूत के रूप में क्या नत्थी करें ?  जैसे -तैसे यह केस  बन सका और नकलची की हथेली का फोटो खींचकर इसके साथ लगाया गया। 



ये था मामला 



जीवाजी विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन में इन दिनों बी एड सेकण्ड सेमेस्टर की परीक्षा चल रही है।  इसमें बड़ी संख्या में छात्र -छात्राएं परीक्षार्थियों के तौर पर भाग ले रहे हैं। इसमे आज वुधवार को दोपहर की पाली शाम  दो बजे से शाम पांच बजे तक बीएड सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा थी । इसमें कड़ी चैकिंग के बाद ही परीक्षार्थियों को परीक्षा भवन में प्रवेश दिया गया था लेकिन इसके बावजूद वीक्षक ने एक छात्रा को नकल करते हुए पकड़ तो  लिया, लेकिन उसे इसका  नकल का केस तैयार करने में उसे पसीना आ गया।



हथेली पर लिखी थी नकल



सूत्रों ने बताया कि वीक्षक ने देखा कि परीक्षा दे रही एक  छात्रा बार -बार अपना हाथ टेबल के नीचे लेकर जाती है और फिर वह अपनी हथेली देखकर जल्दी से लिखने बैठ जाती है । शक होने पर वीक्षक उसके पास पहुंचे  और उसने  उसे अपनी हथेली दिखाने को कहा । यह सुनकर पहले तो छात्रा सकपका गई और अपनी  हथेली छुपाने लगी लेकिन जब जोर से कहा गया  तो शक सही निकला । हथेली पर आज के प्रश्न पत्र से सम्बंधित जानकारी ही नकल के लिए लिखी हुई थी।



केस बनाने में आया पसीना 



रंगे हाथों नकल पकड़े जाने के बावजूद इसका केस बनाने में वीक्षक को पसीना  गया । दरअसल नकल के प्रकरण में नकल की पर्ची या वह चीज नत्थी करनी पड़ती है जिस पर उसे लिखकर लाया गया हो । अनेक बार परीक्षार्थी पेंट ,कमीज की बांह पर  भी नक़ल लिखकर लाये और पकड़े गए तो उनके कपड़े काटकर प्रकरण के साथ नत्थी किये गए लेकिन यहां तो नकल हथेली पर लिखी थी । वीक्षक ने इसकी सूचना विश्वविद्यालय के आला अधिकारियों को दी गई। उन्होंने आकर पूरा माजरा समझा और फिर तय हुआ कि हथेली का फोटो खींचकर उसका प्रिंट निकालकर नकल केस के साथ नत्थी किया जाए । आखिरकार यही प्रक्रिया अपनाकर प्रकरण तैयार किया। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रमुख डॉ केशव सिंह गुर्जर ने घटनाक्रम की तो पुष्टि की लेकिन मामला छात्रा से जुड़ा होने के कारण नाम उजागर करने से इनकार कर दिया।


Gwalior ग्वालियर Jiwaji University जीवाजी विश्वविद्यालय cheating in exam BEd exam परीक्षा में नक़ल बीएड परीक्षा