Seoni. लंबे समय से पूरे देश में सुर्खियों में रह चुके कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को खाने पीने की कोई कमी न हो इसके लिए वहां फूड चेन को समृद्ध किया जा रहा है। इसके लिए पेंच नेशनल पार्क से 5 सौ चीतल शिफ्ट किए जाने हैं। खास बात यह है कि चीतलों को पकड़ने के लिए बोमा पद्धति का उपयोग किया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले पेंच नेशनल पार्क से 73 चीतल कूनो में छोड़े जा चुके हैं।
पेंच पर से दबाव भी करना है कम
वैसे तो भारत आगमन के बाद कूनो नेशनल पार्क के चीतों ने अपने पहले शिकार के रूप में जंगली सुअर को चुना था, लेकिन चीतलों को ही चीतों का पसंदीदा आहार माना जाता है। इसलिए कूनो में इनकी संख्या बढ़ाने की कवायद हो रही है। हालांकि कूनो में करीब 20 हजार चीतल मौजूद हैं। लेकिन पेंच नेशनल पार्क में बड़ी तादाद में मौजूद चीतलों का दबाव भी कम किया जाना है। हालांकि नरसिंहगढ़ सेंचुरी और रायगढ़ से भी 200 चीतल कूनो भेजे जाऐंगे।
बोमा पद्धति से पकड़ते हैं चीतल
बता दें कि हिरनों की प्रजाति चीतल भी बेहद संवेदनशील होते हैं इसलिए इन्हें पकड़ने के लिए बोमा पद्धति का उपयोग किया जाता है जिसमें बांस और झाड़ियों से पूरा का पूरा गलियारा बनाया जाता है जो बाड़े से अटैच रहता है। जंगल में हांका लगाकर चीतलों को बोमा बाड़े तक लाया जाता है।
पेंच नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच से कूनो नेशनल पार्क में 500 चीतल और भेजे जाने हैं। अब तक 73 चीतल ही कूनो भेजे गए हैं। चीतों को बाड़े से निकलने के बाद भोजन की कमी न हो इसके लिए यह कवायद की जा रही है।