UMARIA. एक मां अपने 15 महीने के बच्चे को बचाने के लिए बाघ से लड़ गई। मामला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का है। उमरिया जिले के मानपुर बफर जोन से लगा हुआ गांव ज्वालामुखी है। यहां की रहने वालीं अर्चना चौधरी 4 सितंबर की सुबह लगभग 10 बजे अपने बेटे राजवीर के साथ बाड़े में गईं थीं। तभी झाड़ियों में छिपा बाघ फेंसिंग को फांदकर सामने आ गया और बच्चे को अपने जबड़े में दबा लिया। ये देख अर्चना बाघ से भिड़ गई। बच्चे को बचाने के लिए वह 20 मिनट तक लड़ती रही और बाघ के जबड़े से बेटे को छुड़ा लिया। बाघ के नाखून महिला के फेफड़े तक घुस गए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें जबलपुर रैफर किया गया है।
महिला की गर्दन टूटी
इस दौरान आस-पास खेत में मौजूद अन्य ग्रामीण उसे बचाने के लिए दौड़े। ग्रामीण लाठी-डंडे के साथ शोर-शराबा करते हुए बाघ की तरफ बढ़े तो बाग घबराकर जंगल के अंदर चला गया। इसके बाद ग्रामीणों ने घायल मां बेटों को उठाकर खेत के सुरक्षित स्थान पर लाया । बाद में घटना की जानकारी वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई। हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों के आने से पहले ही ग्रामीण और घायल अर्चना के परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे। जिला अस्पताल में जांच के बाद महिला की गर्दन टूटने की बात सामने आई। हालत गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया।
मवेशी पर भी क्या हमला
जानकारी के अनुसार गांव के बहुत निकट बाघ के इस तरह सक्रिय रहने से ग्रामीणों में भय बना हुआ है। घटना के बाद भी बाघ जंगल में ज्यादा अंदर तक नहीं गया। अर्चना और राजवीर पर हमला करने के बाद बाघ ने गांव में ही एक अन्य स्थान पर बंधे मवेशी पर भी हमला कर दिया। हालांकि वह मवेशी को भी नहीं मार पाया। ग्रामीणों की सतर्कता से मवेशी की भी जान बच गई है। डॉ. एलएन रूहेला ने बताया कि महिला की पीठ पर भी नाखून के गहरे घाव थे। टांके लगाने के बाद भी खून नहीं रुक रहा था। बच्चे के सिर में चोट आई है, लेकिन वह खतरे से बाहर है।