Ratlam. यूं को किसी बच्चे का जन्म होना सामान्य बात है लेकिन अगर बच्चे के दो सिर और 3 हाथ हों तो वो खास बन जाता है। रतलाम के ऑटो ड्राइवर के घर एक बच्चे ने जन्म लिया है जो करोड़ों में एक है। बच्चे का शरीर तो एक है लेकिन सिर दो हैं। रतलाम के ऑटो ड्राइवर सोहेल की पत्नी का प्रसव इंदौर में हुआ था। 28 मार्च को पत्नी ने जब बच्चे को जन्म दिया तो डॉक्टर हैरान रह गए। बच्चे के दो सिर थे। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ थी। 22 दिनों तक इंदौर में इलाज चला। इसके बाद सोहेल बच्चे और पत्नी को लेकर रतलाम लौट आया है।
डाइसेफलस मतलब दो सिर वाले बच्चे
सोहेल के परिवार ने बच्चे का नाम अली हसन रखा है। मेडिकल साइंस की भाषा में ऐसे बच्चों को डाइसेफलस कहा जाता है, मतलब दो सिर वाले बच्चे। ऐसे मामले करोड़ों में एक होते हैं। बच्चे का एक शरीर है, दो सिर हैं और तीन हाथ हैं। बच्चे की तबीयत ठीक नहीं है उसका पेट साफ नहीं हो पा रहा है।
एक सिर रोता है दूसरा रहता है शांत
ऐसे बच्चे की परवरिश करना बेहद ही मुश्किल होता है। बच्चे की मां शाहीन ने बताया कि बच्चे का एक चेहरा रोता है तो वहीं दूसरा चेहरा शांत रहता है। वे रात-रात भर जागकर देखभाल करती हैं। कभी-कभी दोनों सिर एक साथ हिलते हैं। बच्चे की तबीयत पूरी तरह से ठीक नहीं है।
इंदौर से डिस्चार्ज, अब रतलाम में होगा ट्रीटमेंट
बच्चे के पिता सोहेल ने बताआ कि इंदौर में प्रसव के बाद रुटीन ट्रीटमेंट के अलावा कुछ खास नहीं किया गया। अचानक ही वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टरों ने सही सलाह भी नहीं दी। ऐसा लग रहा था कि डॉक्टर रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं। बच्चे की जान ऊपर वाले के भरोसे है। रतलाम जिला चिकित्सालय के SNCU प्रभारी डॉ. नवेद कुरैशी ने बताया कि बच्चे के जिंदा रहने के चांस कम थे। अब वो रतलाम आ गया है, तो इंदौर की रिपोर्ट के मुताबिक उसे आगे का ट्रीटमेंट दिया जाएगा।