जबलपुर. रेप के आरोपी को अपने बधाइयों के पोस्टर शहर में लगाना भारी पड़ गया है। जमानत पर जेल से बाहर आया रेप के आरोपी एबीवीपी नेता शुभांग गोटिया के पोस्टर जबलपुर शहर में लगे थे। जिसे लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सख्त रुख अपनाया है। पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि दुष्कर्म के आरोपी को मिली जमानत क्यों ना रद्द कर दी जाए? मामले की सुनावाई CJI एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने की। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी शुभांग गोटिया को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या आप जश्न मना रहे हैं, क्यों न जमानत निरस्त कर दी जाए। ये ‘भैया इज बैक’ बैनर क्यों हैं? CJI एनवी रमना ने आरोपी के वकील से कहा- अपने भैया को कहिए कि एक हफ्ता सावधान रहें।
यह है पूरा मामला
आरोपी के समर्थकों ने होर्डिंग्स मकर संक्रांति पर लगाए थे। आरोपी को छात्रा से रेप के आरोप में नवंबर 2021 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। CJI एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है। रेप पीड़िता के वकील वैभव मनु श्रीवास्तव और शिखा खुराना ने आरोपी शुभांग गोटिया की जमानत याचिका खारिच करने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पीड़िता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि आरोपी को जमानत देने से पहले हाईकोर्ट ने केस के तथ्यों को गंभीरता से नहीं देखा और न ही आरोपी के पूर्व इतिहास पर गौर किया। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी रसूखदार है, उसके कुछ पोस्टर भी याचिका के साथ लगाए गए हैं। जिनमें ‘भैया इज बैक' लिखा है। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।
जबरन गर्भपात के आरोप
28 साल के आरोपी एबीवीपी नेता शुभांग गोटिया की दोस्ती पीड़िता से 2018 में कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी। दोस्ती के बाद दोनों के बीच संबंध प्यार के हो गए। पीड़िता ने आरोप लगाए कि शुभांग उसे कई जगह घुमाने ले गया और उसके मांग में सिंदूर भरते हुए कहा कि आज से वह उसकी पत्नी है। इसके बाद कई बार फिजिकल रिलेशन भी बनाए गए। जब पीड़िता ने आरोपी से शादी करने की बात कही तो वह मुकर गया। आरोपी और उसके परिजनों पर जबरन छात्रा का गर्भपात कराने के भी आरोप हैं। पीड़िता ने जून 2021 में जबलपुर के महिला थाने में शुभांग गोटिया के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था।