भोपाल । इंदौर (Indore), ग्वालियर समेत प्रदेश के 28 शहरों का मास्टर प्लान 2035 (Master Plan 2035) के हिसाब से लागू होगा। इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। साथ ही प्रारंभिक प्लान का पब्लिकेशन भी हो चुका है। वहीं, भोपाल का मास्टर प्लान (Bhopal Master Plan) जनवरी 2022 में लागू किया जाएगा। इसके प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 में कोई बदलाव नहीं होगा। भोपाल का विकास फिलहाल साल 2022 तक 2005 के मास्टर प्लान से होगा। पिछले 16 साल से भोपाल में मास्टर प्लान नहीं बना है।
मास्टर प्लान में इन सुविधाओं का जिक्र
केंद्र सरकार ने अमृत योजना में शामिल सभी शहरों का मास्टर प्लान 2035 के हिसाब से रखने की गाइडलाइन दी। इस मास्टर प्लान में लैंड यूज नहीं, बल्कि पाइपलाइन, सीवरेज, टेलीफोन लाइन और बैंक-एटीएम जैसी सुविधाओं का जिक्र रहेगा। अभी तक एक जैसे मास्टर प्लान लागू नहीं थे। नगरीय विकास एंव आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट प्रकाशित हो चुका है, इसलिए अब इसमें कोई संशोधन नहीं करेंगे। मास्टर प्लान जनवरी तक लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र की गाइडलाइन के हिसाब से अमृत योजना में शामिल अन्य बड़े-छोटे शहरों के मास्टर प्लान वर्ष 2035 के हिसाब से लागू किए जाएंगे।
जनसंख्या के हिसाब से तैयार हो मानक
मास्टर प्लान के लिए केंद्र की शर्त है कि जनसंख्या और क्षेत्र के हिसाब से सुविधाओं के मानक निर्धारित हो। इस बार सारे नए प्लान में अस्पताल, स्कूल, खेल मैदान, कॉलेज, पुलिस, थाना पार्किंग, सीवरेज, ड्रेनेज, पेयजल, टेलीफोन, सड़क के लिए मानक तय होंगे।
इन शहरों में होगा 2035 के हिसाब से मास्टर प्लान
सीहोर, जबलपुर,ग्वालियर, इंदौर, रीवा, पीथमपुर, मुरैना, कटनी, सीहोर, विदिशा, खंडवा, छिंदवाड़ा, नीमच, उज्जैन, खरगोन, छतरपुर, होशंगाबाद, दमोह, नागदा, गुना, दतिया, सिंगरौली, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, मंदसौर, शिवपुरी, सिवनी, सतना।