नरसिंहपुर में 11 साल बाद गबन करने वाले ब्रांच मैनेजर को 8 साल की सजा, माइक्रो फायनेंस कंपनी में साढ़े 8 लाख का किया था गबन

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Rajeev Upadhyay
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नरसिंहपुर में 11 साल बाद गबन करने वाले ब्रांच मैनेजर को 8 साल की सजा, माइक्रो फायनेंस कंपनी में साढ़े 8 लाख का किया था गबन

Narsinghpur, Dharmesh Sharma. नरसिंहपुर में माइक्रो फाइनेंस कंपनी का पूर्व ब्रांच मैनेजर साढ़े आठ लाख रुपये के गबन मामले में दोषी पाया गया है। मंगलवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार धाकड़ ने सुनाया। सजा पाने वाले आरोपी का नाम मझगवां सतना निवासी अरुण कुमार पिता रामराज कुशवाहा है। वहीं प्रकरण में दो आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है। 




ये है मामला




28 नवंबर 2011 को जिले में सक्रिय रही माइक्रो फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर अरुण कुमार कुशवाहा ने एसबीआई शाखा नरसिंहपुर में कंपनी में सिंगनेटरी व ब्रांच मैनेजर ने साढ़े 8 लाख रुपये निकालकर शाखा में जमा नहीं कराए। हितग्राहियों को भी राशि न देकर आरोपी अरुण ने साढ़े चार लाख रुपये व सह आरोपी संदीप पटेल ने अपने निजी उपयोग में ले लिया। एक अन्य आरोपी अजीत उर्फ सोनू ने भी गबन की राशि में से तीन लाख रुपये लिए। गबन की रिपोर्ट विनोद कुमार पटेल ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी। जिस पर पुलिस ने जांच के बाद आरोपी मैनेजर के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया था। 



एक की मौतए दूसरा बरी




करीब 11 साल तक चले गबन के मामले में सह आरोपी संदीप पटेल की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। वहीं दूसरे सह आरोपी अजीत उर्फ सोनू पर सबूतों के अभाव में अपराध प्रमाणित नहीं हो सकाए जिसके कारण उसे न्यायालय ने बरी कर दिया। वहीं पुलिस जांच और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने अरुण कुमार कुशवाहा को गबन का दोषी माना और उसके विरुद्ध दंडादेश जारी कर 8 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। 11 साल बाद ही सही गबन करने के आरोपी मैनेजर को अब 8 साल जेल की सजा काटनी होगी। 


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