योगेश राठौर, INDORE. पलासिया चौराहे के बाद राजेंद्र माथुर (गिटार तिराहा) तिराहा होकर साकेत चौराहे होते हुए रिंग रोड जाने का रास्ता सोमवार सुबह साफ हो गया। यहां 20 साल से ज्यादा समय से बाधक बने रसूखदारों महिदपुरवाला, अशोक डागा के घरों की बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माण को नगर निगम की टीम ने करीब 3 घंटे की कार्रवाई के बाद साफ कर दिया। इस रोड के बनने से हर रोज बंगाली चौराहे के साथ कनाड़िया रोड, खजराना रोड और एलआईजी लिंक रोड से आना-जाना करने वाले 3 लाख से ज्यादा वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
खजराना चौराहे के पास खुलेगी ये रोड
ये रोड मास्टर प्लान के हिसाब से 12 मीटर चौड़ी है। बाधक निर्माण हटने से करीब 600 मीटर रोड पूरी बन सकेगी और ये रोड आगे जाकर खजराना चौराहे के पहले रिंग रोड पर मिल जाएगी।
इन लोगों के हटाए गए बाधक निर्माण
हाईकोर्ट के आदेश पर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देशन पर ये बाधक मकान और बाउंड्री वॉल हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान महिदपुरवाला, सुरेश पाटीदार, अशोक डागा, विष्णु भैया, माधुरी शुक्ला और अन्य बाधक निर्माण हटे। इस दौरान 2 पोकलेन, 5 जेसीबी मशीन के साथ ही 100 से ज्यादा रिमूवल कर्मचारियों का स्टाफ मौजूद था।
लोगों को इस तरह मिलेगी राहत
अभी पलासिया एरिया में रिंग रोड पर जाने के लिए कनाड़िया रोड होते हुए बंगाली चौराहे होते हुए जाने, एलआईजी लिंक रोड से जाने या फिर ग्रेटर कैलाश रोड होते हुए आनंद बाजार से रिंग रोड जाने का रास्ता मैजूद है। अब इन रोड के बीच ये सामानांतर ये एक और लिंक रिंग रोड जाने के लिए मिल जाएगी। अब वाहन चालक पलासिया से साकेत चौराहा होते हुए सीधे खजराना चौराहे के पास इस रिंग रोड से पहुंच जाएंगे। इससे कनाड़िया रोड पर ट्रैफिक लोड कम होगा। वहीं आनंद बाजार से खजराना जाने के चलते इस रोड पर आने वाले वाहन चालक भी सीधे इस रोड से खजराना पहुंच सकते हैं। ऐसे में आनंद बाजार से खजराना चौराहे के बीच की रोड पर भी ट्रैफिक कम होगा। वहीं यहां ट्रैफिक शिफ्ट होने से एलआईजी चौराहे और एलआईजी लिंक रोड पर ट्रैफिक कम होगा।
20 साल तक अटकी रही कार्रवाई
यहां रसूखदारों के नक्शे निगम से पास हो चुके थे। पीछे और कुछ रो हाउस बनाने की प्लानिंग थी लेकिन निगम ने मास्टर प्लान में यहां 12 मीटर रोड बनाने की कार्रवाई शुरू की। रसूखदार कोर्ट चले गए। इसके चलते कार्रवाई अटकी रही। साल 2008-9 में भी लगभग तोड़ने की स्थिति बनी लेकिन फिर दबाव-प्रभाव में मामला दब गया। अब शासन की इच्छाशक्ति और कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल के चलते ये कार्रवाई हो सकी।