GWALIOR. एक अगस्त को ग्वालियर में अपनी तरह का एक नया इतिहास रचा जाएगा। 57 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद ग्वालियर के लोग और नगर निगम के कर्मचारी,अधिकारी काँग्रेस का मेयर देखेंगे। नव निर्वाचित मेयर डॉ शोभा सिकरवार एक अगस्त को मेयर के रूप में शपथ ग्रहण करेंगी । उनके साथ ही सभी 66 वार्ड के पार्षदों भी शपथ दिलाई जाएगी।
अटल सभागार में होगा आयोजन
शपथ ग्रहण समारोह एक अगस्त को दोपहर बारह बजे से आयोजित होगा । मानसून का मौसम होने के कारण इस बार आयोजन खुले मैदान की जगह ऑडोटोरियम में करने का निर्णय हुआ है। यह आयोजन जीवाजी विवि में बने भव्य अटल सभागार में आयोजित किया जाएगा। इसमें कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह पहले मेयर के रूप में डॉ शोभा सिकरवार को शपथ दिलाएंगे तदुपरांत दस - दस पार्षदों के समूह को शपथ ग्रहण कराएंगे।
सादगी भरा होगा आयोजन
अब तक मेयर के शपथ ग्रहण समारोह को काफी भव्यता के साथ आयोजित किया जाता था। इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के अलावा संभाग भर के मंत्री,सांसद और विधायक शिरकत करते थे । इस बार इनके अलावा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने की भी संभावनाएं थीं लेकिन बीजेपी की मेयर जीत ही नहीं सकी।
लेकिन कांग्रेस इस आयोजन को गरिमापूर्ण ही रखना चाहता है । पहले इस आयोजन में पूर्व सीएम और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ समेत अनेक बड़े नेताओ के आने की अटकलें थीं लेकिन कांग्रेस ने इस आयोजन को राजनीतिक न बनाने का तय किया है। इसमें किसी बड़े नेता को न बुलाकर जल्द ही एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें पार्टी के नेता भी बुलाये जाएंगे।
सभापति को लेकर कशमकश जारी
सूत्रों की बात मानें तो इसके पीछे एक बड़ी बजह सभापति पद की रणनीति है जिसकी कशमकश जारी है। परिषद में बीजेपी के 34 पार्षद है जबकि दो उसके बागी निर्दलीय रूप से जीते है। काँग्रेस के 26 पार्षद जीते है और अब तक दो निर्दलीय उसे समर्थन दे चुके है। एक एक बीएसपी और एक निर्दलीय पर अभी सबकी निगाह है। पर्याप्त पार्षद होने के बावजूद बीजेपी भयभीत है कि कांग्रेस कही अपना सभापति न बना ले । उसे अपने पार्षदों में से क्रॉस वोटिंग का भय है। कांग्रेस अभी ऐसी ही परिस्थितियां रखना चाहती है क्योंकि मेयर के शपथ ग्रहण का अगर कांग्रेसीकरण किया जाता है तो बीजेपी में भावनात्मक रूप से एकता होने की संभावना बढ़ जाती है