योगेश राठौर, INDORE. पीएफआई से जुड़े लोगों पर कार्रवाई के बाद अब मप्र एटीएस ने सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को एसडीपीआई के पदाधिकारियों के घर छापा मारा। इसमें इंदौर से 5 लोगों के पकड़ाने की जानकारी मिली है। एनआईए ने देर रात इंदौर, भोपाल, उज्जैन, नीमच, शाजापुर, शयोपुर और गुना में छापे मारे। इंदौर से अब्दुल सईद निवासी छिपा बाखल, दानिश निवासी माणिकबाग, तौशिफ निवासी छिपा बाखल, यूसुफ़ निवासी छिपा बाखल, वसीम निवासी ग्रीन पार्क कालोनी को गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है। पता चला है कि इंदौर से कुल आठ को गिरफ़्तार गिरफ्तार करना था लेकिन तीन लोग हाथ नहीं लगे। सूत्रों के अनुसार पूरे प्रदेश में 35 लोगों को एनआईए ने रडार पर लिया हैं इसमें से 25 हाथ लग चुके हैं।
परिजन बोले रात को आए ले गए
सईद के भाई अब्दुल मलिक ने बताया की सोमवार देर रात 15 लोग घर पर पहुंचे थे। भाई सईद को साथ ले गए, बताया कि पूछताछ कर छोड़ देंगे। पूछने पर बताया कि चंदन नगर थाने से आए हैं। भाई पहले एसडीपीआई से जुड़ा हुआ था। उस पर जिला बदर की कार्रवाई हुई थी। 2 महीने पहले ही जिलाबदर खत्म हुआ था। वह किसी गलत चीज में शामिल नहीं था। वह गरीबों की मदद करता था। जानकारी के मुताबिक सईद पहले एसडीपीआई में जिलाध्यक्ष था। वह छिपा बाखल में रहकर टेलर की दुकान चलाता था। जिला बदर की कार्रवाई के बाद नूरानी नगर में रहने लगा था। वहीं से उसे पकड़ा गया।
पुलिस आयुक्त बोले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं
पुलिस आयुक्त हरिनारायणा चारी मिश्र ने बताया कि पुलिस और एजेंसियों ने मिलकर देर रात कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इनके पास से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज मिले हैं। पहले हुई कार्रवाई के बाद मिले इनपुट और जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। इन लोगों से पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद इन लोगों पर कार्यवाही होगी। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोग खिलाफ लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है।
इसके पहले इंदौर से चार को पकड़ा था
एनआईए ने इसके पहले इंदौर, उज्जैन में छापेमारी कर पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम, जनरल सेक्रेटरी अब्दुल खालिद, कोषाध्यक्ष मोहम्मद जावेद, प्रदेश सचिव जमील शेख को गिरफ्तार किया था। इनके पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देश विरोधी कागजी और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए थे।
नीमच में 4 लोग पुलिस हिरासत में
प्रदेश में मंगलवाक को PFI संगठन पर कार्रवाई की गई है। संगठन के कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। बात की जाए नीमच की तो यहां पर पुलिस द्वारा 4 लोगो को हिरासत में लिया है, जिनमें संगठन के पदाधिकारी ओर सदस्य हैं। जिनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं नीमच एएसपी सुंदर सिंह ने मामले में खुलासा करते हुवे बताया कि PFI से जुड़े 4 लोगो को पकड़ा है, जिनमें 3 मनासा ओर एक नीमच का है जिन से पूछताछ की जा रही है।
सरकार संसद सत्र से पहले संगठन पर बैन लगा सकती है
पिछले कुछ समय से विवादों में चल रहे पीएफआई संगठन पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की नजरें जमी हुईं हैं। आरोप है कि यह संगठन देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है इसको लेकर अब इस संगठन पर बैन लगाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। अब इसको लेकर केंद्र सरकार भी अब गंभीर है। जानकारी मिली है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जांच एजेंसियां तो उसके खिलाफ ऑपरेशन ऑक्टोपस चला ही रही हैं, सरकार ने भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली है। यह फैसला पार्लियामेंट के विंटर सेशन तक लिया जा सकता है। संसद सत्र नवंबर या दिसंबर में शुरू होगा। सूत्रों के मुताबिक, PFI को सरकार दो तरीके से प्रतिबंधित कर सकती है। कई राज्य लगातार इसकी मांग भी कर रहे हैं। जिस तरह पिछले दिनों देशव्यापी छापे मारे और पीएफआई के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हुई है और कथित रूप से उनसे आपत्तिजनक सामग्री भी मिली जिससे जांच एजेंसियां सकते में हैं। इस घटनाक्रम के बाद बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
दो तरीकों से लग सकता है प्रतिबंध
जानकारों के अनुसार पीएफआई पर दो तरीकों से प्रतिबंध लग सकता है। पहला गृह मंत्रालय सीधे इसे कुछ साल के लिए प्रतिबंधित कर दे और फिर बैन धीरे-धीरे बढ़ाया जाए। दूसरा तरीका यह है कि अदालत से इसे प्रतिबंधित घोषित करवाया जाए। बैन लगाने के बाद कोर्ट में सबूतों की कमी से PFI फायदा न उठा ले, इसलिए जांच एजेंसियां पहले से पुख्ता सबूत जुटाने होंगे। यही वजह है कि पकड़े गए ज्यादातर लोगों के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है।