GWALIOR : मेयर पद हारने के बाद अब अब अपने पार्षद बचाकर सभापति बनाना बीजेपी की नई चुनौती

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Dev Shrimali
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GWALIOR : मेयर पद हारने के बाद अब अब अपने पार्षद बचाकर सभापति बनाना बीजेपी की नई चुनौती

GWALIOR. 57 वर्षों बाद मेयर का पद गंवाने के बाद बीजेपी के नेता यह दावा करके खुश हैं कि मेयर भले ही हमें अपना नही मिला हो लेकिन जनता ने परिषद में बहुमत बीजेपी को दिया है । मेयर को आदेश देने वाला सभापति हमारा ही बैठेगा क्योंकि इसके लिए बांछित आंकड़ा सिर्फ हमारे पास है । लेकिन उसके सामने अगली चुनौती भी इसी आंकड़े को बचाकर रखने की है। नव निर्वाचित मेयर डॉ शोभा सिकरवार के इस बयान के बाद कि अगला सभापति भी कांग्रेस का ही होगा, बीजेपी नेताओं और रणनीतिकारों की नींद उड़ी हुई है।



जोड़-तोड़ शुरू



 मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में कांग्रेस अपना मेयर बनाने के साथ अब... सभापति बनाने की जोड़तोड़ में लग गयी है। कांग्रेस ने, दो निर्दलीय पार्षदों को अपने खेमे में शामिल करा लिया है। ये पार्षद वार्ड 2 से सुरेद्र चौहान ओर वार्ड 61 से नाथूराम जाटव है। दोनों ही पार्षदों ने  ग्वालियर पूर्व विधानसभा के कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार, नवनिर्वचित मेयर शोभा सिकरवार और कांग्रेस के  जिलाध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के समाने कांग्रेस की सदस्यता ली है। कांग्रेस में शामिल हुए  निर्दलीय पार्षदों का कहना है कि वो विकास के साथ है, इसलिए कांग्रेस की मेयर का साथ देने के लिए कांग्रेस में आएं है, जिससे  सभापति भी कांग्रेस का बन सके। इसके साथ ही... कांग्रेस के विधायक और मेयर पति ने बड़ा दावा किया है। विधायक सतीश सिकरवार ने कहा है कि उनके पास, बीजेपी के अनेक पार्षदों का भी समर्थन है। साथ ही कुछ तो ऐसे है, जो ऐन वक्त पर कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। जिनका वोट कांग्रेस को मिलेगा और  सभापति कांग्रेस का बनेगा।



शोभा बोलीं , सभापति भी कांग्रेस का होगा



नव निर्वाचित मेयर डॉ शोभा सिकरवार भी सभापति पद को लेकर आश्वस्त दिखीं। उन्होंने कहा कि जनता ने विकास के लिए कांग्रेस को अपार जन समर्थन दिया है । 57 साल बाद शहर को बीजेपी से मुक्ति दिलाई है। अब सभापति भी हमारा बनेगा और परिषद भी हमारी होगी क्योंकि विकास के नाम पर दो निर्दलीय अभी तक कांग्रेस में शामिल हो चुके है और अनेक लोग संपर्क कर रहे हैं।



बीजेपी बोली ,सभापति मेरा बनेगा



मेयर पद पर हुई करारी हार के बावजूद बीजेपी खुश है कि उसके ज्यादा पार्षद जीते हैं। हालांकि पिछली बार की तुलना उसके पार्षदों की संख्या भी घटी है। कांग्रेस ने अपने दस से बढ़ाकर 26 पार्षद कर लिए और बीजेपी के 34 है । यानी  मामूली बहुमत है। बीजेपी के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी का कहना है कि भले ही कांग्रेस कुछ भी कर लें। लेकिन उसके पास पार्षदों के नंबर ज्यादा है, इसलिए सभापति बीजेपी का होगा इस दावे के बावजूद बीजेपी को अपने पार्षदों के कांग्रेस में जाने और क्रॉस बोटिंग का डर सता रहा है । इस भय के चलते पार्टी हाईकमान ने सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को दिल्ली में संसद से छुट्टी देकर अचानक भेजा जिन्होंने नव निर्वाचित पार्षदों की बैठक लेकर उनसे परिचय भी प्राप्त किया और बधाई भी दी।


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