कृषि कानून: सरकार ने मानी मांगे, 4 दिसंबर को खत्म हो सकता है किसान आंदोलन

author-image
एडिट
New Update
कृषि कानून: सरकार ने मानी मांगे, 4 दिसंबर को खत्म हो सकता है किसान आंदोलन

दिल्ली. संसद (Parliament) में कृषि कानून (Agricultural Law) को रद्द कर दिया गया है। मगर किसान अब भी आंदोलन (Movement) की राह नहीं छोड़ रहे हैं। किसान दिल्ली के बॉर्डर्स (Delhi Borders) पर डटे हुए हैं। इस बीच खबर आई है कि कुछ किसान नेता और किसान संगठन अब घर वापसी चाहते हैं। वो चाहते हैं कि कृषि कानून खत्म होने के बाद वो आंदोलन छोड़कर घर चले जाएं। इसको लेकर किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार (Central Government) ने किसानों की सारी मांगे मान ली हैं। 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt Kisan Morcha) की बैठक के बाद आंदोलन समाप्त किया जा सकता है। सतनाम सिंह (Satnam Singh) ने ये भी कहा कि सरकार ने एमएसपी पर बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से पांच नाम मांगे हैं।

किसान संगठनों की क्या मांगें हैं?

कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठनों की मांग है कि सरकार एमएसपी गारंटी का कानून बनाए, किसानों पर दर्ज केस वापस ले, जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है उन्हें मुआवज़ा दिया जाए। इसके अलावा लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग भी किसान संगठन कर रहे हैं।  

कल हरियाणा सरकार के साथ किसानों की बैठक

हरियाणा सरकार किसानों के साथ कल यानी बुधवार को बैठक करेगी। इस दौरान सरकार किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने पर चर्चा करेगी। बता दें कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी किसानों पर दर्ज हुए केसों की लिस्ट मांगी है।

-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :

https://bit.ly/thesootrapp

द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:

">Facebook  |   Twitter |   Instagram  |  Youtube

central government parliament United Kisan Morcha Movement Agricultural Law Delhi Borders Satnam Singh