Bhopal.
MP अजब है..वाकई गजब है। सोसायटी में गंभीर गड़बड़ी...ये किसी गांव या सोसाइटी के भ्रष्टाचार या अनियमितता को उजागर करने वाली खबर की हेडलाइन नहीं...बल्कि मध्यप्रदेश के गांव के नाम है। जी हां...ये गांव सीहोर और खण्डवा जिले के अंतर्गत आते हैं। हमारे यहां नाम का बड़ा महत्व होता है, कोई धर्म से जुड़े नाम रखता है तो कोई अपने पुरखों से संबंधित नाम रखता है तो कहीं महापुरूषों की याद में उनके नाम को जिंदा रखने के लिए भी स्थानों को उनसे जुड़े नाम दे दिए जाते हैं। सियासी फायदा लेने के लिए भी कई बार नाम बदले जाते हैं और बदले भी गए हैं, पर आज हम आपको उन गांव से रूबरू कराने जा रहे हैं जिनके नाम अजीब ही नहीं...बल्कि एक साथ मिला दें तो ऐसा लगता है मानो पूरा एक वाक्य ही बन गया हो। द सूत्र की टीम ऐसे ही सोसायटी, गंभीर और गड़बड़ी गांव में पहुंची और यहां ग्रामीणों से बात कर जाना क्यों है गांव के ऐसे नाम...साथ ही इस बार पंचायत चुनाव में यहां कौन से मुद्दे रहने वाले हैं हावी।
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जमीन आवंटन के लिए बनी सोसायटी इसलिए गांव का नाम भी यही...
सोसायटी गांव सीहोर जिले के नसरूल्लागंज के पास गोपालपुर रोड पर स्थित है। सोसायटी गांव के अनार सिंह पंवार ने बताया कि यह सीलिंग की जमीन थी, जहां लोगों को बसाने के लिए 5—5 एकड़ जमीन दिया जाना था, इसके लिए एक सोसायटी का गठन हुआ। तब से इस गांव का नाम सोसायटी ही है। अनार सिंह पंवार बताते हैं कि गांव में स्वास्थ सुविधाएं नहीं है। यदि कोई बीमार हो जाता है तो नसरूल्लागंज लेकर जाना पड़ता है। गांव में सिर्फ प्राथमिक स्कूल है, माध्यमिक शिक्षा के लिए बच्चों को पास के गांव में भेजना पड़ता है। आंगनबाड़ी में भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है।
हर समस्या का समाधान गंभीरता से इसलिए गांव का नाम पड़ा गंभीर...
गंभीर पंचायत खण्डवा जिले के किल्लौद रोड पर स्थित है। गंभीर गांव के राजेश शर्मा ने बताया कि पूर्वजों के समय यहां लड़ाई झगड़े सहित अन्य समस्याओं को शालीनता और गंभीरता के साथ गांव में ही सुलझाया जाता रहा, यहां के लोग ऐसे मुद्दे पर बड़े गंभीर होते थे, इसलिए यहां का नाम गंभीर पड़ा। राजेश शर्मा का कहना है कि गांव के युवा आज कई बड़े पदों पर पहुंच गए हैं, गांव का नाम ही उनकी पहचान है, इसलिए गंभीर नाम बदलने का प्रश्न ही नहीं उठता। वहीं केवलराम राजपूत ने बताया कि गांव में 7—8 साल से नालियों की सफाई नहीं हुई। पानी की भी समस्या है। चुनाव में इस बार यही मुद्दे होंगे।
नाम था गरबड़ी...बोलचाल में हो गया गड़बड़ी...
गड़बड़ी पंचायत खण्डवा जिले का हरदा जिले की बोर्डर पर लगा अंतिम गांव है। गड़बड़ी गांव के ग्रामीण सुरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि गांव का नाम गरबड़ी था, लेकिन धीरे धीरे बोलचाल में यह गड़बड़ी हो गया। हालांकि कई बार लोगों के मन में यह विचार आता है कि हमारे गांव का नाम बदल दें, पर प्रक्रिया काफी जटिल होने से यह नहीं हो पाता। सुरेंद्र सिंत तोमर ने कहा कि गांव आने वाली सड़क पूरी तरह से खराब है। यहां सिंचाई की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। रामभरोस सिसौदिया ने कहा कि यदि सही सरपंच चुना जाता है तो हमारी यह समस्याएं खत्म हो सकती है।