Ujjain. उज्जैन में महाकाल मंदिर में प्राचीन अवशेष मिले हैं। बताया जा रहा है कि दूसरे चरण के विकासकार्यों के दौरान 20 फीट की गहराई में ये अवशेष पाए गए जोकि 11वीं शताब्दी के परमार कालीन के हैं। जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर के अवशेषों अवलोकन किया। साथ ही संस्कृति विभाग ने अवशेषों का परीक्षण पुरातत्व संचालनालय के तकनीकी दल से कराया है। विभाग के अनुसार 1234 ई. में महाकाल मंदिर पर हुए आक्रमण के समय मंदिर ध्वस्त हुआ था। स्थानीय शासकों द्वारा इसका पुनर्निर्माण कराया गया जिसके बाद 17वीं शताब्दी में इसे पुनः ध्वस्त कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा,- मंदिर का किया जाएगा पुनर्निर्माण
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा। मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए पुरातत्व संचालनालय ने मूल संरचना के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। वहीं तकनीकी विशेषज्ञों ने उपलब्ध वास्तुखंडों के आधार पर शिखर के कलश तक की ऊंचाई 37 फीट निर्धारित की है। मंदिर के पुनर्निर्माण से महाकाल मंदिर परिसर की भव्यता में वृद्धि होगी। द्वितीय चरण का काम प्रारंभ हो गया है। काम तेजी से चल रहा है। शिखर दर्शन, ध्यान कक्ष, छोटे रुद्रसागर का जीर्णोद्धार, 10वीं शताब्दी का प्राचीन मंदिर उसे फिर से व्यवस्थित करना, हेरिटेज धर्मशाला और आध्यात्मिक वातावरण में सुविधाओं का निर्माण होगा।
पहले भी मिले थे
इससे पहले वर्ष 2021 में भी महाकाल मंदिर (Mahakal temple) क्षेत्र में खुदाई के दौरान 1000 साल पुराने स्थापत्य खंड मिले थे. बताया गया है कि ये एक शासक ने मंदिर पर हमले के दौरान तोड़े थे। खुदाई में मिले शिल्प खंड उच्च कोटि के थे। सभी अवशेष प्राचीन शिल्प कला के साथ इस क्षेत्र में आक्रांताओं की घुसपैठ का प्रमाण देते है। इससे पहले दिसम्बर 2019 में भी 1000 साल पुराने शिला लेख मिलने का दावा किया गया था. उन्होंने कहा कि उच्च कोटि के शिल्प खंड को सुल्तान इल्तुतमिश ने उज्जैन पर हमले के दौरान तोड़ा था।