विदिशा. मध्य प्रदेश में 18 दिनों से लगातार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपने-अपने जिले में अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर बैठी हुई हैं। इस दौरान सभी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने शासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई सुनवाई न होने के कारण विरोध स्वरूप विदिशा में हाथों में कटोरा और बर्तन लेकर व्यापारियों से भीख मांगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष मिथिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि इतने दिनों के दौरान भी शासन-प्रशासन की तरफ से कोई सुध नहीं ली गई है। जिसके कारण हम अपने बच्चों को पालने और घर चलाने के लिए सड़कों पर उतर कर व्यापारियों से भीख के रूप में सहयोग मांग रहे हैं।
संयुक्त रूप से दिया धरना: सरकार की तरफ से सहयोग न मिल पाने के कारण यह कदम उठाया गया है। सीएम के गृह जिले सीहोर में भी आशा उषा, पर्यवेक्षकों, संयुक्त मजदूर एकता यूनियन, एलआईसी यूनियन और जीआईसी के साथियों ने मिलकर संयुक्त धरना दिया। धरने में मौजूद सभी लोगों ने कई नारे लगाए।
इसलिए कर रहीं प्रदर्शन: आशा-उषा और आशा पर्यवेक्षक यूनियन की शकुन पाटिल ने कहा कि हम आशाओं को जीने लायक वेतन भी मयस्सर नहीं हैं। कम से कम सरकार को हमें जीने लायक वेतन देना चाहिए। हमने कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं देकर जनता की सबसे ज्यादा सेवा की और हम लोग ही वेतन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। अन्य राज्यों में सरकार अपनी ओर से वेतन मिला कर देती है लेकिन मिशन संचालक के निर्णय को भी सरकार लागू नहीं कर रही है।