सचिन त्रिपाठी, सतना. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (asha workers) लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। 29 मार्च को सतना में आंगनबाड़ी (Aaganwadi) कार्यकर्ताओं ने विरोध करने का अनोखा तरीका अपनाया। यहां कई दिनों से धरने पर बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी साड़ियां इकठ्ठा कर आग के हवाले कर दीं। आशा वर्कर्स ने सरकार को चेताने के लिए नारे भी लगाए। जैसे ईट-ईट से बजा देंगे, हम सरकार हिला देंगे। अभी करो अर्जेंट करो, हमको पर्मानेंट करो।
सतना में #आंगनबाड़ी_कार्यकर्ताओं का आक्रोश। सरकारी साड़ियों को किया आग के हवाले। 10 मार्च से घरने पर बैठीं है।#MadhyaPradesh @CMMadhyaPradesh @ChouhanShivraj @drnarottammisra @BJP4MP @INCMP @AAPMPOfficial pic.twitter.com/0TnlOQ2NRc
— TheSootr (@TheSootr) March 29, 2022
10 मार्च से धरने पर बैठी है: महिला एवं बाल विकास की पिंक बिग्रेड यानी आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठीं है। यहां उन्होंने पहले विभाग द्वारा दी गईं पिंक साड़ियों को इकट्ठा कर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट का घेराव भी किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला अध्यक्ष अंजू सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहयोगी को भी शिक्षकों की भांति वेतन मान दिया जाए। उनके जैसे ही नियमित किए जाने की मांग को लेकर बीते 10 मार्च से धरना चल रहा है। आज इसलिए साड़ी (ड्रेस) जलाई गई ताकि उसकी गर्मी से पत्थर दिल सरकार पिघले। साड़ियों को जलाने के कार्यक्रम के बीच कार्यकर्ताओं ने ईंट से ईंट बजा देंगे, हम सरकार हिला देंगे के नारे भी लगाएं। इधर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के धरना प्रदर्शन को ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन दे दिया है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुँच कर ट्रेड यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने भी घेराव किया।
आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगे
- 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करें।