विंध्य और चंबल में वोट बचाने की फिक्र में डूबी बीजेपी के लिए अब बुंदेलखंड भी टेढ़ी खीर लग रहा है. पार्टी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक नेता उनके लिए इतनी बड़ी मुश्किल बन जाएगा कि अगले साल होने वाले चुनावों की रणनीति को नए सिरे से डिजाइन करने की नौबत तक आ सकती है...