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Jabalpur. नवरात्र के पावन पर्व के समापन पर जबलपुर ग्रामीण क्षेत्रों में दशहरा मनाने को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई। बरगी नगर की बात की जाए तो यहां रावण दहन के पहले ही चौकी प्रभारी ने दुर्गा प्रतिमाओं को दशहरा मैदान से बाहर करवा दिया। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश भड़क गया। नाराज ग्रामीण पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि उनके यहां 27 सालों से परंपरा चली आ रही है कि रावण दहन के बाद ही प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। लेकिन चौकी प्रभारी वर्दी का रौब दिखाते हुए उन्हें बाध्य करने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पिछले 3 सालों से वे कभी कोरोना तो कभी मुहर्रम के चलते बिना बंदिश के दशहरा नहीं मना पा रहे हैं। अब इस बार चौकी प्रभारी की जिद समझ से परे थी।
इस दौरान मौके पर पहुंचे विधायक संजय यादव समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी चौकी प्रभारी आशुतोष मिश्रा को मंच पर बुलाया और वहीं उन्हें हटाने की मांग उच्च अधिकारियों से कर डाली। हालांकि इस दौरान चौकी प्रभारी विधायक को अपनी सफाई देते नजर आए।
शहपुरा में नर्मदा में विसर्जन पर अड़े ग्रामीण
दूसरी तरफ गुरूवार की सुबह से ही शहपुरा के मनकेड़ी क्षेत्र के ग्रामीण दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कुंड में न करने पर अड़ गए। इस दौरान गांव के उपसरपंच ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। देखते-देखते हंगामे के हालात बनने लगे, तभी वरिष्ठ अधिकारी मनकेड़ी पहुंच गए। दरअसल मनकेड़ी के उपसरपंच मनोज पटेल दुर्गा समिति के सदस्यों के साथ विसर्जन के लिए प्रतिमा को नर्मदा तट ले जा रहे थे। तभी पुलिस की टीम ने समिति को रोका और विसर्जन कुंड में प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए कहा, जिस पर समिति सदस्य भड़क गए और उपसरपंच दुर्गा प्रतिमा लेकर मनकेड़ी ब्रिज के नीचे पहुंचे और वहीं अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने लगे।
मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार, एडीशनल एसपी ग्रामीण ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश दी। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच हल्की झड़प की भी खबर है। आखिरकार बड़ी मुश्किल में समिति के सदस्य विसर्जन कुंड में करने तैयार हुए।