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Gwalior. इस समय पूरे देश में गणेशोत्सव की धूम है। यूं तो इस समय भगवान गणेश के हर मंदिर पर ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है लेकिन ग्वालियर में एक प्राचीन कालीन गणेशजी अपने अलग ही अंदाज़ और भक्तों की मदद के लिए जाने जाते हैं। तीन सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराने इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जब रास्ते बंद हो जाएं उसके बाद मुस्कराते हुए इन श्री गणेशजी के दरबार मे अर्जी लगा दो बस काम बन जायेगा यही वजह है कि यहां अर्जी लगाने देश भर से लोग पहुंचते है। इसलिए इन्हें अर्जी वाले गणेश कहा जाता है।
शिंदे की छावनी पर स्थित है
शहर के शिंदे की छावनी स्थित एमएलबी रोड पर कांग्रेस कार्यालय के सामने विराजित अर्जी वाले श्रीगणेशजी की अदभुत प्रतिमा साढ़े तीन सौ साल पहले की है। गणेश जी के एक हाथ में वेद, दूसरे हाथ में शस्त्र तीसरे हाथ में माला व चौथी भुजा में कमल है। बप्पा की सूड़ में तीन अंटे लगे हैं। जानकारों का कहना है कि गणेशजी की यह प्रतिमा मुस्कराते हुए मस्ती और आल्हाद की मुद्रा में जाग्रत है इस रूप में गणेशजी के दर्शन करने का खास महत्व है. कमजोर बुध के चलते जिनके भाग्य में रुकावट पैदा होतीं है। उनको मुस्कराते गणेश जी की पूजा और अर्चना करने सलाह दी जाती है। चूंकि ये देश में यह बिरली गणेश प्रतिमा है। इसलिए ज्योतिषी जरूरतमंद लोगों को यहां भेजते हैं। यहां हर बुधवार को अर्जी लगाने देश भर से लोग पहुंचते हैं। यहां भक्त अपनी जो भी मन्नत लेकर आता है बप्पा उसे जरूर पूरी करते हैं. यही वजह है किअर्जी वाले गणेश जी के प्रति अटूट श्रद्धा रखते हैं, गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
कुंवारों की लगती है भीड़
ग्वालियर के अर्जी वाले गणेशजी के मंदिर में वैसे तो भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, लेकिन मंदिर में सबसे ज्यादा कुंवारों की भीड़ लगती है क्योंकि मान्यता है कि यहां दर्शन करने से कुंवारें लड़के-लड़कियों की शादी जल्दी होती है। इसके साथ ही शादी शुदा जीवन की बाधाएं दूर करने वाली सबसे अधिक अर्जी भी यही लगाई जाती हैं, जबकि मान्यता है कि अगर युवा वर्ग अपनी कोई मनोकामना भगवान गणेश से पूरी करने की प्रार्थना करता है तो उसकी वह मनोकामना भी पूरी होती है. यही कारण है कि यहां पर युवा अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए अर्जी लगाने पहुंचता है।
11 दिन लगेगी भक्तों की भारी भीड़
अर्जी वाले गणेश मंदिर के पुजारी का कहना है कि वैसे तो सालभर यहां भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है लेकिन गणेश चतुर्थी से 11 दिन तक यहां पर काफी भीड़ रहती है और दूर-दूर से लोग यहां पर अर्जी लगाने के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि किसी भी व्यापारी को अगर व्यापार में घाटा होने लगता है तो इनकी शरण में आकर सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार अर्जी वाले गणेश जी के दरबार में युवाओं के साथ-साथ व्यापारी काफी संख्या में यहां पर आते हैं।