Jabalpur. मध्यप्रदेश शासन ने विभिन्न कॉलेजों में ऑनलाइन एडमिशन के लिए जारी दिशा निर्देशों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि जिन ऑटोनॉमस व अल्पसंख्यक संस्थाओं के पास नैक का ए या उससे ऊपर का दर्जा प्राप्त है, वे स्वयं की प्रवेश नीति बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसे संस्थानों पर नई प्रवेश नीति लागू नहीं होगी। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष बर्नार्ड ने हाईकोर्ट में यह जवाब पेश किया है। जिसे मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा ने रिकॉर्ड पर लेते हुए याचिका का अंतिम निराकरण कर दिया।
सरकार की पॉलिसी को दी गई थी चुनौती
सेंट अलॉयशियस कॉलेज सोसायटी की ओर से दायर याचिका में राज्य सरकार की नीति पर आपत्ति लगाई गई थी। याचिका में बताया गया कि सरकार की नीति से शैक्षणिक संस्थाओं का हित प्रभावित हुआ है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ब्रायन डिसिल्वा व सरबवीर सिंह ने दलील दी।