BHOPAL. राजधानी भोपाल (capital Bhopal) में ही नगर निगम (Municipal Corporation) के अधिकारी नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं। जिसके कारण शहर की सबसे पॉश कॉलोनी के रहवासियों का जीवन दूभर होता जा रहा है। रसूखदारों ने रिहायशी कॉलोनी (Residential Colony) का इस्तेमाल कमर्शियल (Commercial) तौर पर करना शुरु कर दिया है। जबकि सभी के पास अनुमति आवासीय उपयोग की ही है। लैंड यूज का पालन कराने की जिम्मेदारी नगर निगम के अधिकारियों की है। लेकिन तमाम शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होती। इक्का-दुक्का अवैध गतिविधियों (illegal activities) के खिलाफ एक्शन लेकर खुद ही अपनी पीठ थप-थपा लेते हैं।
एक महीने पहले की थी कार्रवाई
नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी (Municipal Corporation Commissioner KVS Chaudhary) के निर्देश पर 12 जुलाई को कार्रवाई की गई थी। निगम अधिकारियों ने कैंपियन स्कूल के पास संचालित हो रहे लोटस इलेक्ट्रानिक के शोरूम (Showroom of Lotus Electronics) को सील किया था। इस त्वरित एक्शन को देखकर अरेरा कॉलोनी के रहवासियों को उम्मीद बंधी थी कि ई-1 से लेकर ई-4 तक चल रहे 100 से ज्यादा आवासीय प्लॉटों पर हो रही कमर्शियल एक्टीविटी पर भी रोक लगाई जाएगी। लेकिन वर्षों पर की गई इस इकलौती कार्रवाई के बाद अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
रिटायर्ड आईएएस की शिकायत पर हुई कार्रवाई
सूत्रों का कहना हैं कि लोटस इलेक्ट्रानिक के खिलाफ कार्रवाई एक रिटायर्ड आईएएस की शिकायत पर की गई थी। रिटायर्ड आईएएस ने लोटस के पास नया बंगला खरीदा हैं। कमर्शियल एक्टीविटी की वजह से उनकी शांति में खलल पड़ रहा था। लिहाजा शिकायत सीधे नगर निगम कमिश्नर से की गई और त्वरित कार्रवाई भी हो गई।
100 से ज्यादा प्रतिष्ठानों को दिए गए थे नोटिस
इस कार्रवाई के बाद खुद को एक्टिव मोड में बताने के लिए नगर निगम की बिल्डिंग परमीशन शाखा के अधिकारियों ने 100 से ज्यादा प्रतिष्ठानों के संचालकों को नोटिस जारी किए थे। जिनमें 44 बडे़ प्रतिष्ठान शामिल हैं। कार्यपालन यंत्री एलएस चौहान के मुताबिक आवासीय प्रापर्टी का कमर्शियल यूज करने वालों को धारा 11 के तहत नोटिस जारी कर अल्टीमेटम दिया गया था। नगर निगम ने संचालकों को हफ्तेभर का समय दिया था। लेकिन महीनेभर बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। यानी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
इन प्रतिष्ठानों को दिए गए थे नोटिस
- ई-3, 118 - अरेरा कॉलोनी भोपाल - डॉ. अरुण क्लीनिक
कॉलोनी छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे रहवासी
अरेरा कॉलोनी में कमर्शियल एक्टीविटी की वजह से रहवासियों का जीवन दूभर होता जा रहा है। कॉलोनी में ट्रैफिक जाम और पार्किंग जैसी समस्याएं पैदा हो गई है। अरेरा कॉलोनी रहवासी समिति के सचिव हरीश त्रिवेदी और कमल राठी का कहना हैं कि कॉलोनी में रहने वाले ज्यादातर परिवार शोर-शराबे से मुक्ति के लिए अब घर छोड़ने का मन बना रहे हैं। कई लोगों ने तो दूसरी जगह घर भी खरीद लिए है।
नोटिस जारी करके भूला नगर निगम
नगर निगम ने 100 से ज्यादा प्रतिष्ठानों के संचालकों को धारा 11 के तहत नोटिस जारी किया था। सभी को एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए कमर्शियल एक्टीविटी बंद करने की हिदायत दी गई थी। लेकिन प्रतिष्ठान के संचालकों ने नोटिस को हवा में उड़ा दिया। दूसरी तरफ बिल्डिंग परमीशन के अधिकारी भी नोटिस देकर भूल गए, कार्रवाई करने ही नहीं पहुंचे। सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार का कहना हैं कि सभी पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।