BHOPAL: कौन हैं अपराधियों की टिकट के सिफारिशी लाल, बीजेपी संगठन ने पूछा सवाल

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Shivasheesh Tiwari
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BHOPAL: कौन हैं अपराधियों की टिकट के सिफारिशी लाल, बीजेपी संगठन ने पूछा सवाल

BHOPAL. अपराधियों को पार्षद (Councillor) की टिकट देना और फिर उनको वापस लेना। बीजेपी (BJP) की इस मामले में बहुत किरकिरी हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (State President VD Sharma) को  इस मामले में खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी। इस मामले को बीजेपी संगठन (BJP Organization) ने कड़ा रुख अपना लिया है। खुद सीएम भी इसे आया-गया मामला नहीं बनाना चाहते। सूत्रों की मानें मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद प्रदेश संगठन ने जिला अध्यक्षों को रडार पर लिया है। संगठन ने सभी जिला अध्यक्षों से वो सूची मांगी है जिसमें नेताओं ने टिकट की सिफारिश की थी। जिला अध्यक्षों से खासतौर पर ये पूछा गया है कि आपराधिक व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों को टिकट देने की सिफारिश किस मंत्री, विधायक, सांसद, पदाधिकारी या अन्य जनप्रतिनिधि ने की है। 



बीजेपी संगठन में कसावट 



जिला अध्यक्षों पर तलवार इसलिए खिंची है क्योंकि पार्षदों की टिकट का पूरा अधिकार जिला और संभागीय समितियों को दिया गया था। इन समितियों से स्थानीय विधायक,सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर पार्षदों के टिकट फायनल करने को कहा गया था। बीजेपी ने ऐसे मामलों के निराकरण का काम प्रदेश अपील समिति के जरिये किया है। प्रदेश संगठन ने अपील समिति, संभागीय समिति और जिला अध्यक्षों से ये पूरी जानकारी जुटाने को कहा है। सूत्रों का कहना है कि नगर निकाय चुनाव के बाद बीजेपी संगठन में कसावट लाने के साथ ही सिफारिशी नेताओं पर कड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर ली है। वहीं जिन नेताओं ने ऐसे लोगों की सिफारिश थी वे अपने होठ सिलकर बैठ गए हैं। 



नगर निगम,नगरपालिका और नगर परिषद के चुनाव में जिला और संभागीय स्तर पर हुए टिकट वितरण के बाद आधा दर्जन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां सट्टा, जुआ और अन्य अपराधिक वारदातों में लिप्त बदमाशों के परिजनों को टिकट दिए गए। यहां तक कि भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र में दो टिकट रदृ कर दूसरों को टिकट दिया गया। 



नामांकन वापस न लेने वाले कार्यकर्ताओं की सूची जिला अध्यक्षों से मांगी 



वहीं प्रदेश संगठन ने नगरीय निकाय चुनाव के दौरान पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले और संगठन के निर्देश के बाद भी नामांकन वापस न लेने वाले कार्यकर्ताओं की सूची जिला अध्यक्षों से मांगी है। संगठन ने साफ कर दिया है कि जो कार्यकर्ता पार्टी के निर्देश के विरुद्ध काम करेगा, वह स्वयमेव छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित माना जाएगा। 


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