सिंधिया समर्थक मंत्री के विज्ञापन में तोमर, शिवराज और वीडी शर्मा का नाम और फोटो गायब ,कांग्रेस ने कसा तंज

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Dev Shrimali
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सिंधिया समर्थक मंत्री के विज्ञापन में तोमर, शिवराज और वीडी शर्मा का नाम और फोटो गायब ,कांग्रेस ने कसा तंज

GWALIOR. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया बनाम बीजेपी के पुराने नेताओं के बीच चल रही बर्चस्व की लड़ाई आज अमित शाह के ग्वालियर दौरे के समय और भी खुलकर सामने आ गयी।  गृहमंत्री अमित शाह के ग्वालियर दौरे में पूरा आयोजन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने हाथ में ले रखा है। वे तीन दिन दिनों से ग्वालियर में डेरा डाले हुए और अपने समर्थकों के साथ तैयारियां करवा रहे है और इस पूरे आयोजन में बीजेपी हाशिये पर पड़ी है।  बीजेपी के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर कल शाम को ग्वालियर पहुंचे और आयोजन स्थल का चक्कर लगा आये लेकिन आज शाह के स्वागत के लिए छपवाए गए स्वागत में बीजेपी की यह गुटबाजी साफ़ दिखी जो अंचल में चर्चा का विषय भी बन गयी।आज सिंधिया समर्थक मंत्री द्वारा छपवाए गए विज्ञापनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय  कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के फोटो तो दूर नाम तक नहीं हैं। 



पूरे अंचल में वायरल हो रहा है विज्ञापन 



ऊर्जामंत्री और उनके भाई के नाम से जारी हुए इस विज्ञापन की ख़ास बात ये भी है कि इसमें ग्वालियर के अनेक छोटे - छोटे बीजेपी नेताओं के नाम और फोटो तो समावेश किये गए लेकिन इसमें प्रदेश के तीन सबसे बड़े नेता यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय कृषि मंदिर का नाम और चित्र पूरी तरह नदारद है। इस विज्ञापन को पार्टी में चल रही बर्चस्व की लड़ाई के और तेज होने के रूप में देखा जा रहा है। सिंधिया के कांग्रेस में रहने तक नरेंद्र तोमर ही ग्वालियर -चम्बल अंचल में बीजेपी के सर्व शक्तिमान नेता थे लेकिन सिंधिया के पदार्पण के बाद से पूरे अंचल की बीजेपी की सियासत और प्रशासनिक जमावट पर सिंधिया हॉबी है। वे पिछले महीने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लाये थे और आज अमित शाह को लेकर आये हैं। 



भीड़ जुटाने के लिए सिंधिया ने झोंकी पूरी ताकत   



अमित शाह की सभा कराने के पीछे सिंधिया का असली मकसद पार्टी हाईकमान को ग्वालियर -चम्बल में अपनी ताकत का अहसास कराना ही है।  यही वजह है कि सिंधिया ने शाह की सभा को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। उनके समर्थक मंत्री ,विधायक और बाकी समर्थक अंचल भर में मेहनत कर रहे हैं। मेला मैदान में एक लाख लोगों की भीड़ जुटाकर सिंधिया शाह के  सामने अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। 



विज्ञापन से गुटबाजी खुली 



 ग्वालियर चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वर्चस्व की जंग सबके सामने है। यही कारण है कि सिंधिया समर्थक मंत्री और नरेंद्र सिंह तोमर समर्थकों के बीच आपस में गुटबाजी नजर आ रही है।इस कार्यक्रम को लेकर सिंधिया समर्थकों ने बड़ी-बड़े विज्ञापन जारी किये हैं इनमें भी आपसी कलह साफ़ नजर आ रही है ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के विज्ञापनों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का फोटो गायब है।



कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर कसा तंज 



इस विज्ञापन को लेकर कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए अनेक पोस्ट डाली है। बीजेपी के प्रवक्ता डॉ राम पांडे ने कहा कि बीजेपी अपने आपको अनुशासित पार्टी कहने का दंभ भरती रही है। ऊर्जा मंत्री द्वारा दिया गया  विज्ञापन क्या कहता है।  इसमें मुख्यमंत्री चौहान ,कृषिमंत्री तोमर और पार्टी के  प्रदेश अध्यक्ष शर्मा का तो नाम और फोटो ही गायब कर दिया गया है। क्या बीजेपी मंत्री के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही करेगी ?  एक अन्य कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह का कहना है कि ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी चार गुटों में बटी हुई है।यही कारण है के अमित शाह के दौरे को लेकर सिर्फ सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री ही सक्रिय है बाकी बीजेपी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थक इस कार्यक्रम से गायब नजर आ रहे हैं।और इसका उदाहरण विज्ञापनों में देखने को मिला है कि सिंधिया के कटटर समर्थक  और शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर द्वारा जारी किये गए विज्ञापन में अंचल के सबसे बड़े बीजेपी नेता और केंद्रीय कृषिमंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर का फोटो और नाम गायब कर दिया है।




Factionalism in BJP CM missing from minister's advertisement Agriculture Minister Tomar's photo not in Pradyuman Singh's advertisement battle for supremacy in BJP Tomar vs Scindia war in BJP बीजेपी में गुटबाजी मंत्री के विज्ञापन से सीएम गायब प्रद्युम्न सिंह के विज्ञापन में कृषिमंत्री तोमर का फोटो नहीं बीजेपी में बर्चस्व की लड़ाई बीजेपी में तोमर बनाम सिंधिया जंग