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GWALIOR. कहते है राजनीति में दांव पल -पल बदलते रहते है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की समर्थक पूर्व मंत्री और वर्तमान में लघु उद्योग विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती इमरती देवी ने कल डबरा के दिग्गज नेता और प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा समर्थित पुराने बीजेपी केंडिडेट को हराकर अपने समर्थक को जनपद डबरा का अध्यक्ष बनाने में सफलता पाई थी महज चौबीस घण्टे बाद ही डॉ मिश्रा ने बीजेपी को एकजुट कर जिला पंचायत पर अपना प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित करा दिया। जीत के बाद उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह नव निर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुँवर को साथ लेकर मीडिया के बीच आये तो उन्होंने इसका श्रेय सीएम शिवराज सिंह , गृहमंत्री डॉ मिश्रा और पीछे खड़े मंत्री भारत सिंह को तो दिया लेकिन सिंधिया का नाम नही लिया । इमरती देवी के योगदान को पूछने पर वे बोलीं - मैं क्या जानू। यह सुनने पर उनके पीछे खड़े भारत सिंह हंसते रहे।
क्या था गणित
ग्वालियर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित था। जिले में 13 सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनना था। इनमे से पांच बीजेपी के पास थे ,पांच कांग्रेस, एक बीएसपी और दो निर्दलीय थे। काँग्रेस ने पहले ही अध्यक्ष के चुनाव से दूर कर लिया था इसके बाद से बीजेपी के साथ दस सदस्य हो गए थे लेकिन बीजेपी में अध्यक्ष पद को लेकर जबरदस्त घमासान था । यहाँ डबरा की पूर्व विधायक इमरती देवी अपना अध्यक्ष बनाना चाहतीं थी ताकि उनका काँग्रेस की तरह बीजेपी में भी जलबा दिखे और साबित हो कि डबरा और भितरवार की तरह जिला पंचायत अध्यक्ष पद की तरह जिला पंचायत पर भी 'महाराज' यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया का कब्जा हुआ है।
पहले ही सक्रीय हो गई थी इमरती
सिंधिया समर्थक इमरती देवी पहले ही सक्रीय हो गई थी और तेरह में से आठ सदस्य उनके संपर्क में थे। उन्होंने सदस्यों को गिरगांव स्थित शिव मंदिर पर जाकर सौगंध भी खाई थी । गिरगांव मंदिर की अंचल में बड़ी मान्यता है कि कोई यहां झूठी सौगन्ध नही खाता। इसके फोटो भी बायरल हुए थे और चर्चा थी कि सबने नेहा मुकेश परिहार को अध्यक्ष बनाने की कसम खाई है । सबको यही परिणाम आने का भी भरोसा था।
रातोरात कैसे बदला नतीजा
कल जनपद अध्यक्ष पद पर हार से आहत गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने अब हर हाल में सिंधिया रहित बीजेपी केंडिडेट बनाने की रणनीति बनाई और दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाला फार्मूला अपनाया। सामान्यतौर पर डॉ मिश्रा और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को शुरू से ही स्थानीय राजनीति में एक दूसरे का विरोधी माना जाता है । तोमर की तरफ से पंचायत चुनावों के अघोषित प्रभारी उनके खास प्रदेश के उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह और डॉ मिश्र ने आपस में बात की और फिर इमरती को गच्चा देने की रणनीति बनाई। पार्टी के नेताओ को समझाया कि सिंधिया के लोगों के जीतने से पार्टी कार्यकर्ता हतोत्साहित हो रहे हैं। इसलिए अध्यक्ष के प्रत्याशी के नाम की घोषणा संगठन करे। उन्होंने प्रदेश संगठन की सहमति दिलाकर ग्वालियर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करवा लिया। इसके आगे सिंधिया समर्थक लाचार हो गए। जिला अध्यक्ष ने इमरती से सभी सदस्यों को पार्टी को सौंपने का निर्देश दिया। आज हुए निर्वाचन में उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इसके बाद उपाध्यक्ष पद पर भी प्रियंका सतेंद्र सिंह को निर्विरोध उपाध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
जीत का श्रेय में न सिंधिया का नाम लिया न इमरती का
जीत का प्रमाण पत्र मिलने के बाद प्रदेश के उद्यनिकी मंत्री भारत सिंह नव निर्वाचित अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर को अपने साथ लेकर मीडिया के सामने आए। उन्होंने इस जीत का श्रेय सीएम शिवराज सिंह,गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और उद्यनिकी मंत्री भारत सिंह को दिया। उन्होंने न केंद्रीय मंत्री सिंधिया का नाम लिया और न ही इमरती देवी का। मीडिया ने जब उनसे पूछा कि उनकी जीत में इमरती देवी का कोई योगदान रहा तो वे भोली हंसी हंसते हुए बोलीं- मैं क्या बताऊँ ? । इस दौरान उनके पीछे खड़े मिनिस्टर भारत सिंह मंद-मंद मुस्कराते रहे।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से जीत का प्रमाण पत्र हासिल क़रतीं जिला पंचायत ग्वालियर की नव निर्वाचित उपाध्यक्ष प्रियंका सतेंद्र सिंह । पास खड़ी है जिला अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुंवर जाटव।