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Indore. जिले की महू विधानसभा में इस बार जिला पंचायत, जनपद और पंचायतों से बीजेपी (BJP) को डराने वाली खबर मिल रही है। तीनों ही स्तरों पर बीजेपी का प्रदर्शन कमजोर हुआ है। ये वही महू विधानसभा है जहां से बीजेपी ने एक केबिनेट मंत्री, एक राज्यसभा सदस्य दे रखे हैं। पिछले पच्चीस सालों में से पंद्रह साल तक जिला पंचायत अध्यक्ष भी महू का ही रहा है।
महू विधानसभा में जिला पंचायत की पांच और जनपद की 25 सीटें हैं। इसी तरह 71 पंचायतें और दो नगर पंचायत भी हैं। राजनीतिक रूप से समृद्ध इस विधानसभा ने कभी बीजेपी के बड़े नेता भेरूलाल पाटीदार (Bherulal Patidar) और कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vejayvergiya) को चुनकर भेजा है। दोनों मंत्री और अन्य बड़े पदों पर रहें हैं। अभी भी यहां से उषा ठाकुर (Usha Thakur) विधायक हैं और राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री हैं। इनके अलावा कविता पाटीदार (Kavita Patidar) भी हैं जिन्हें पार्टी ने हाल में राज्य सभा में भेजा है। इतने सारे नेताओं की विरासत और वर्तमान के बावजूद इस बार पार्टी त्रिस्तरीय पंचायत में कांग्रेस (Congress) से या तो बुरी तरह पिछड़ गई है या घाटे में रही है। हालांकि अभी अधिकृत परिणाम आना बाकी
हैं।
जिला पंचायत में तीन सीट हारे
महू में जिला पंचायत (Jila Panchayat) की पांच सीटे हैं, इनमें से तीन बीजेपी हार गई। पिछली बार पांचों सीटों पर बीजेपी जीती थी। जिला पंचायत में बीते कई सालों से महू और बीजेपी की गहरी पकड़ रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच अध्यक्षों में से तीन महू से रहे। रामकरण भाभर, ओम परसावदिया और पिछली अध्यक्ष कविता पाटीदार थीं । इस बार पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है।
जनपद में छह सीटें घटीं
महू जनपद (Janpad) की 25 सीटों में से हालांकि बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों ने 13 जीत लीं। कांग्रेस समर्थितों को दस और दो सीट बागियों को मिली हैं। यदि पाला बदल नहीं हुआ तो संभव है बीजेपी समर्थित यहां अपना अध्यक्ष बना ले लेकिन पिछली बार की तुलना में उसके प्रदर्शन में गिरावट आई है। तब बीजेपी समर्थितों ने 19 सीटें जीतकर पांच साल सरकार चलाई थी। छह सीटों के नुकसान के साथ ही पालाबदल की आशंका यहां बनी हुई है।
पंचायतों में भी पिछड़े
सरपंचों के हालांकि अधिकृत आंकड़े घोषित नहीं हुए है लेकिन तहसील की 71 पंचायतों में से बीजेपी समर्थित करीब 40 जीते हैं, पिछले चुनाव में यह आंकड़ा 50 से ऊपर था। कई गांवों में पार्टी बागियों से परेशान रही वहीं कई ऐसे गांवों में हार गई जो बीजेपी के गढ़ हुआ करते थे।
नगर पंचायतों में बागियों से परेशान
महू (Mhow) में दो नगर पंचायतें भी हैं। मानपुर (Manpur) और महू गांव। दोनों ही जगह पर पार्टी बागियों से परेशान है। दोनों जगह 15-15 सीटें हैं। महू गांव (Mhow gaon) में पार्टी के ही बड़े नेता रामकिशोर शुक्ला (Ramkishore Shukla) ने पहले अपनी पसंद के पर्याप्त टिकट ले लिए। कुछ टिकट उषा ठाकुर और कविता पाटीदार के खाते में गए। जहां शुक्ला की पसंद के टिकट नहीं थे वहां उन्होंने अधिकृत प्रत्याशी के सामने अपने समर्थकों को बागी खड़ा कर दिया है। इन पर किसी का बस नहीं चल रहा है। गोरतलब है कि बीते तीन दशक से इस नगर पंचायत पर रामकिशोर शुक्ला का ही राज है । वे अपने निजी समर्थकों को ही यहां से जिताते रहे हैं। वे कांग्रेस में थे तब भी और अब बीजेपी में हैं तब भी। इसी तरह मानपुर नगर पंचायत में भी पार्टी के पांच-छह बागी खड़े हो गए हैं जिन्हें बैठाने में पार्टी असफल रही है। दोनों नगर पंचायतों में मंगलवार (6 जुलाई) को वोटिंग है।