Umaria. उमरिया जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क की पहाड़ियों में स्थित बांधवाधीश मंदिर में सिर्फ कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही आम लोगों को जाने की एंट्री दी जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर में मेला लगता है, दूर-दूर से लोग आते हैं और साल में सिर्फ एक बार दर्शन मिलते हैं। इसलिए लोगों में उत्सुकता भी रहती है। इस बार पार्क प्रबंधन ने आम लोगों को वहां जाने से साफ इनकार कर दिया और इसके लिए वहां हाथियों का मूवमेंट होना बताया।
पार्क प्रबंधन की दुहाई को लेकर आमलोग और सिरमौर से बीजेपी विधायक दिव्यराज सिंह संतुष्ट नहीं हुए। दिव्यराज 18 अगस्त को ही उमरिया पहुंच गए थे, जहां उन्होंने पार्क मैनेजमेंट और कलेक्टर से बात की। जब उनकी बात नहीं मानी गई तो 18 अगस्त को शाम 5 से ही दिव्यराज सिंह धरने पर बैठ गए, जो जन्माष्टमी के दिन यानी 19 अगस्त को भी जारी रहा। सुबह से करीब 12 बजे तक जिला प्रशासन और विधायक आमने- सामने रहे। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे। दिव्यराज के साथ उनके पिता पुष्पराज भी मौजूद थे।
स्थानीय लोगों का ये तर्क
स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगली हाथियों का समूह पिछले 4 साल से बांधवगढ़ क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है, लेकिन कहीं भी जनहानि नहीं हुई और ना ही इस दरमियान पर्यटकों के लिए पार्क बंद किया गया। कलेक्टर को गलत जानकारी देकर पार्क के फील्ड डायरेक्टर साल में 1 दिन खुलने वाले राम जानकी मंदिर में श्रद्धालुओं को जाने से मना कर रहे हैं।
पहले विधायक ने ये कहा
धरने पर बैठे विधायक दिव्यराज को मनाने कलेक्टर, एसपी समेत कई अफसर पहुंचे। विधायक ने कहा जब तक गेट नहीं खुलता, हम दर्शन नहीं कर लेते, यहीं बैठे रहेंगे, चाहे एक साल लग जाए।
दिव्यराज को वैन में बैठाया गया
दिव्यराज सिंह को पुलिस ने धरना स्थल से उठाकर वैन में बंद कर दिया था। इसके बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एसपी प्रमोद सिन्हा ने वैन में दिव्यराज से करीब 20 मिनट की चर्चा के बाद उन्हें जाने दिया। इसके बाद दिव्यराज ने धरना फिर शुरू दिया। बताया गया है कि वैन के अंदर कलेक्टर और एसपी ने उन्हें यह समझाने की कोशिश की कि किसी भी हाल में मंदिर तक जाने नहीं दिया जा सकता, लेकिन अपनी जिद पर अड़े दिव्यराज सिंह ने साफ कह दिया कि वे बिना मंदिर में दर्शन किए धरना स्थल से नहीं उठेंगे।