भोपाल. मध्यप्रदेश में जहरीली शराब से मौतों के कारण जहां एक तरफ शिवराज सरकार की किरकिरी हो रही है। वहीं दूसरी और बीजेपी विधायक ने ही अवैध शराब पर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए है। नरसिंहपुर सीट से विधायक जालमसिंह पटेल ने सोमवार को सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि अवैध शराब के धंधे से बीजेपी अधूती नहीं है। शराब माफिया पर कार्रवाई तो होती है। लेकिन यह कार्रवाई काफी नहीं है।
पटेल के इस बयान के कई संकेत
विधायक जालम सिंह के इस बयान से प्रदेश की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है। उनके बयान ने एक बात तो साफ कर दी है कि शराब माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है। पटेल के इस बयान के बाद शराब की अवैध बिक्री की रोकथाम को लेकर सरकार की कोशिशों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
MP में जहरीली शराब से 15 महीने में 58 मौतें
प्रदेश में 2 मई 2020 को रतलाम में जहरीली शराब से 4 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 6 सितंबर को रतलाम में 2 मौतें और हुई। 15 अक्टूबर को उज्जैन में 15 मौतें हुई। इसके बाद 7 जनवरी 2021 को खरगोन में 2 मौतें हुई। 11 जनवरी मुरैना में 26 मौतें हुई और 25 जुलाई मंदसौर में 6 मौतें हुई। इसके अलावा 25 जुलाई को खरगोन में 3 मौतें।
मंगलवार कैबिनेट मीटिंग में कड़े कानून का प्रस्ताव
अवैध शराब कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार अब आबकारी कानून को ओर सख्त बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार आबकारी अधिनियम 1915 में कई बदलाव करने जा रही है। इस अधिनियम में जहरीली शराब पीने से किसी की मृत्यु होती है तो ऐसे मामले में पहली बार शराब बेचने वालों की सजा 10 साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास की सजा करने प्रावधान किया जा रहा है। कल कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को पास किया जा सकता है।