संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की राजनीति तेजी से करवट ले रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान 15 दिन में दो बार इंदौर आकर चले गए। 27 अगस्त को इंदौर आए लेकिन बड़े भैया के घर शोक जताने नहीं गए। इसे लेकर ब्राह्मण समाज में नाराजगी देखी गई। वहीं 28 अगस्त को प्रदेशाध्यक्ष ना केवल उनके उठावने के लिए आए, बल्कि अच्छा खासा समय उनके परिवार के साथ बिताया। वहीं उनके दिन भर के कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और शहराध्यक्ष गौरव रणदिवे साथ रहे। इस दौरान यह सभी महापौर की नई इलेक्ट्रिक कार में एक साथ बैठे, इसमें भार्गव जहां आगे ड्राइवर की बगल सीट पर बैठे तो वहीं पीछे की सीट पर शर्मा, रणदिवे और विजयवर्गीय नजर आए।
राजनीतिक कार के सवारियों की मंजिल कौन सी
लंबे समय से कयास लग रहे हैं कि शर्मा और विजयवर्गीय प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं। वहीं हाल में विजयवर्गीय का नाम प्रदेशाध्यक्ष के लिए तेजी से उछला है। भार्गव को महापौर का टिकट दिलवाने में शर्मा का काफी अहम योगदान था और वहीं विजयवर्गीय ने भी डॉ. निशांत खरे का नाम कटवाकर उनकी राह आसान की थी, फिर बाद में जमकर चुनाव प्रचार में जुटे और जीत दिलवाई। ऐसे में भार्गव सीएम की जगह शर्मा और विजयवर्गीय के अधिक करीब है। वहीं रणदिवे भी भार्गव की तरह एबीवीपी की राजनीति के कारण शर्मा के नजदीक है। रणदिवे अगली विधानसभा चुनाव में विधानसभा पांच या राऊ से टिकट पाने की उम्मीद में हैं। कार में सवार सभी की राजनितिक मंशाएं बता रही है कि सभी सवारियों की नजर अपनी-अपनी मंजिल पर जरूर है।
सीएम की बजाय शर्मा के साथ कंफर्ट में नजर आती है टीम
रविवार को दिन भर चले कार्यक्रम के साथ ही पुराने आयोजनों के दौरान देखा गया कि नेता शर्मा के साथ अधिक कंफर्ट नजर आते हैं, महापौर ने उन्हें साफा पहनाया, फूलमाला पहनाई तो कहीं पर नारियल भेंट किया। वहीं पितृ पर्वत के आयोजन में विजयवर्गीय भी खुद मेजबान की भूमिका में थे तो वहीं शर्मा व अन्य को मेहमानों की तरह आवभगत करते नजर आए। कार में भी सभी एक साथ हंसी-मजाक करते नजर आए। ऐसे में तय है कि प्रदेश की राजनीति में कुछ नए समीकरण की केमिस्ट्री इंदौर में ही बन रही है।
नई लीडरशिप पर भरोसा
शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम 51 फीसदी वोट शेयरिंग की ओर बढ रहे हैं। निगम चुनाव में पार्षदों को 53.30 फीसदी वोट मिले, तो नगर पालिकाओं में 49 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। इंदौर में नई लीडरशिप यंग जनरेशन के साथ हम नए प्रयोगों के साथ मैदान में हैं। बीजेपी चुनाव से पहले काफी तैयरी करती है हम हर बूथ को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।