BHOPAL. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को सवा साल बचा है। उसके 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है। इसे देखते हुए बीजेपी हाईकमान एक्टिव मोड में आ गए हैं। रातापानी अभयारण्य में प्रदेश बीजेपी की बड़ी बैठक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अध्यक्षता में हो रही है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश,क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल,केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय सहित प्रदेश के चुनिंदा मंत्री बैठक में मौजूद हैं।
लोकसभा चुनाव की माइक्रो रणनीति पर चर्चा
पिछले महीने रायपुर में संघ की अखिल भारतीय समन्वय संघ की बैठक के बाद प्रदेश में पहली बड़ी बैठक हो रही है, जिसमें सीधे तौर पर राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें एक प्रमुख मुद्दा संघ की समन्वय बैठक में तय किए गए एजेंडे को चुनाव से पहले लागू करना भी है। इसके लिए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष सहित अन्य पदाधिकारी राज्यों में जाकर बैठक कर प्रमुख लोगों से चर्चा कर इसे लागू करेंगे। बैठक में विधानसभा चुनाव सहित लोकसभा चुनाव की माइक्रो रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी। यही वजह है कि इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री सहित प्रदेश के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को विशेष रुप से बुलाया गया है।
भोपाल में बैठक का होना...काफी कुछ कहता है
बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक भोपाल में हो रही है। बैठक दिल्ली में भी हो सकती थी, लेकिन इसमें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष का भोपाल आना सत्ता-संगठन में कई अहम बदलावों की ओर संकेत कर रहा है। वहीं, कई दिग्गज नेता मसलन ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र तोमर 30 सितंबर की रात को भी भोपाल पहुंच गए। दोनों प्लेन में अगल-बगल ही बैठे। सिंधिया अपने स्वागत की जगह तोमर का स्वागत करवाते नजर आए।
कोर ग्रुप की बैठक से पहले भोपाल में हलचल
उधर, 30 सितंबर देर रात तक कई नेताओं की बैठकों का दौर चलता रहा। नरोत्तम मिश्रा से गोविंद राजपूत मिलने पहुंचे। वहीं, नरोत्तम और स्पीकर गिरीश गौतम की भी मुलाकात हुई। गोविंद सिंह राजपूत और अरविंद भदौरिया की भी मुलाकात हुई। कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं। जिन मंत्रियों को मलाईदार विभाग दिए गए हैं, उनके कामकाज की भी समीक्षा होगी।
...कि तस्वीरें बोलती हैं
क्षेत्रीय दलों पर रहेगा फोकस
बैठक में क्षेत्रीय दलों पर भी चर्चा होगी। संघ का मानना है कि क्षेत्रीय दल बीजेपी के वोट बैंक को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में क्षेत्रीय दलों के प्रभाव को कम करने की रणनीति बनेगी। इसके लिए कुछ मंत्रियों को क्षेत्रों की विशेष रुप से जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। सामाजिक संगठनों के प्रभाव वाले जिलों को लेकर अलग से प्लान बनाने पर भी विचार हो सकता है। मध्य प्रदेश में इन दिनों जयस संगठन, सपाक्स, भीम आर्मी, गोंडवाना जैसे छोटे छोटे दल अपने क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं, ये दल कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी को नुकसान पहुंचाते हैं।
सत्ता-संगठन के तालमेल पर होगी बात
सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में सत्ता-संगठन के आपसी टकराहट का मामला हाईकमान तक कई बार पहुंचा है। इनके आपसी मतभेद का असर स्थानीय चुनावों के परिणाम में भी देखने को मिला है। बताया जाता है इस संबंध में बीएल संतोष सीधा सपाट संदेश दे सकते हैं। वहीं प्रदेश में कई लंबित निर्णयों को लेकर चर्चा हो सकती है। इसमें खास तौर से लंबे समय से अटके निगम-मंडल की नियुक्ति और मंत्रिमंडल विस्तार शामिल है। बैठक में केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक, राष्ट्रीय सचिव जयभान सिंह पवैया, सहित प्रदेश के चुनिंदा मंत्री बैठक में मौजूद हैं, इनमें मंत्री भूपेन्द्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, जगदीश देवड़ा, विश्वास सारंग, इंदर सिंह परमार शामिल हैं।