GWALIOR News. नामांकन वापिसी की तारीख निकल जाने के बाद अब बागियों से निपटने के लिए और भी तरीके अपनाए जाने लगे है। बीजेपी से पार्षद रहे एक नेता को जब पत्नी के लिए पार्टी ने टिकट नही दिया तो उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर उससे लड़ा दिया । अब पुलिस ने उनके बेटे को जिलाबदर की कार्यवाही करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पहले रहे पार्षद
बलवीर तोमर बीजेपी के पुराने नेता है । वे वार्ड 19 से बीजेपी के पार्षद रहे लेकिन पिछली बार उनका वार्ड आरक्षित हो गया तो वे रेस से बाहर हो गए। इस बार सीमांकन में उनका वार्ड सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ तो उन्होंने इस वार्ड से अपनी कमलेश तोमर के लिए टिकट मांगा । लेकिन इस वार्ड से किसी सिंधिया समर्थक की दावेदारी के चलते उन्हें मना कर दिया गया तो वे कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस ने उनकी पत्नी को टिकट भी दे दिया।
बेटे का जिलाबदर
अब पुलिस और प्रशासन ने उनके बेटे अवधेश उर्फ छोटू के जिलाबदर की कार्यवाही शुरू कर दी है। थाना प्रभारी गोला का मंदिर ने इसका प्रतिवेदन जिला मजिस्ट्रेट कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भेजा और उन्होंने नोटिस जारी कर इसकी कार्यवाही शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि अवधेश के खिलाफ अनेक आपराधिक केस दर्ज है इसीलिए उसके जिला बदर का प्रकरण भेजा गया है जबकि कांग्रेस इसे दबाने की कार्यवाही बता रही है। उसका तर्क है कि अवधेश के खिलाफ कोई कल ही केस दर्ज नही हुए । जब वह परिवार बीजेपी में रहा तो यह कार्यवाही क्यों नही की गई? पुलिस और प्रशासन को उनके काँग्रेस प्रत्याशी बनते ही ये अपराध कैसे याद आ गए? लेकिन पार्टी इन हथकंडों से डरने वाली नहीं है