बीजेपी की नाव भी ऐसी धार में फंसी है जहां उसके खिवैया ही नाव नहीं संभाल पा रहे और जहां संभालने की कोशिश में लगे हैं वहां नाव पर सवार ही उनकी पतवार छीनने पर अमादा है... लेकिन नाव को डूबने के लिए तो छोड़ नहीं सकते... इसलिए अब पार्टी के सबसे उम्दा लाइफ सेवर नदी में कूद पड़े हैं... क्योंकि बीजेपी ये समझ चुकी है कि सिर्फ मांझी के भरोसे चुनावी नदी को पार कर पाना आसान नहीं होगा... बैकअप प्लान भी तैयार रखना होगा और लाइफ सेविंग जैकेट्स के भी पूरे बंदोबस्त करने होंगे....