Gwalior:भाजपा को अभी उम्मीदवार की तलाश ,कांग्रेस प्रत्याशी का जनसंपर्क शुरू

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Dev Shrimali
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Gwalior:भाजपा को अभी उम्मीदवार की तलाश ,कांग्रेस प्रत्याशी का जनसंपर्क शुरू

देव श्रीमाली

Gwalior.
सदैव प्रत्याशी घोषित रहने में अब्बल रहने वाली बीजेपी BJP इस बार नगर निगम महापौर MAYOR का टिकिट फाइनल करने के मामले में फिसड्डी रही जबकि इस बार अंतिम क्षणों तक लटका रहने वाला कांग्रेस का टिकिट सबसे पहले घोषित हो गया यही वजह है कि कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती शोभा सिकरवार SHOBHA SIKARWAR  ने अपना चुनाव अभियान शुरू भी कर दिया है हालाँकि उन्होंने अभी अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है।



तीन बार पार्षद रह चुकीं है शोभा

 शोभा सिकरवार स्नातकोत्तर POST GRADUATE  तक पढ़ीं है और पीएचडी भी कर चुकीं है। उनके ससुराल पक्ष का एक मजबूत सियासी इतिहास है। उनके ससुर गजराज सिंह सत्तर से अस्सी के दशक से बड़े छात्र नेता रहे हैं। जीवाजी विवि में अपवाद को छोड़कर उनके ही पैनल का कब्जा रहा। वे दो बार विधायक बने और बीजेपी जिला मुरैना के जिला अध्यक्ष भी रहे। शोभा के देवर सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू भी एक बार विधायक रह चुके हैं। शोभा सिकरवार स्वयं तीन बार पार्षद का चुनाव जीत चुकीं है जबकि उनके पति सतीश सिकरवार SATISH SIKARWAR चार बार पार्षद रह चुके है। दो बार तो वे निर्विरोध ही निर्वाचित हो चुके हैं। 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कद्द्वर नेता और तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री श्रीमती माया सिंह MAYA SINGH का टिकिट काटकर डॉ सतीश सिकरवार को विधायक का टिकिट दे दिया लेकिन तब चल रही बीजेपी विरोधी लहर में वे पराजित हो गए लेकिन 2021 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों से इस्तीफ़ा दिलाकर कांग्रेस की कमल नाथ की सरकार गिराकर फिर से शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनवा दी तो हुए उप चुनाव में बीजेपी  ने उनके प्रतिद्वंद्वी मुन्नालाल गोयल MUNNA LAL GOYAL को टिकिट दिया तो सिकरवार ने भी पाला बदल लिया और वे कांग्रेस के उम्मीदवार हो गए।  सिंधिया के लिए प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार मुन्नालाल गोयल को हराकर शानदार जीत हासिल की। अब कांग्रेस ने उनकी  पत्नी श्रीमती शोभा सिकरवार को मेयर पद का प्रत्याशी बना दिया है।

 

कांग्रेस में फूटे थे विरोध के स्वर



जैसे ही यह खबर कांग्रेस में फैली की श्रीमती सिकरवार को टिकिट मिल रहा है कांग्रेस का एक धड़ा इसके खिलाफ हो गया। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा DR DEVENDRA SHARMA अपनी पत्नी श्रीमती रीमा शर्मा को मेयर का टिकिट दिलाना चाहते थे लेकिन सिकरवार की पत्नी को टिकिट मिलने से उन्हें झटका लगा।  पर्यवेक्षक बनकर आये मुकेश नायक ने जब काँग्रेस दफ्तर पहुंचकर बैठक ली तो सिकरवार और शर्मा के बीच मुंहवाद भी हुआ जिसकी चर्चा ग्वालियर से लेकर भोपाल तक रही हालाँकि बाद में दोनों ने इस तरह के किसी विवाद से इंकार किया। शाम को सिकरवार देवेंद्र शर्मा द्वारा अपने घर पर दिए गए भोज में भी शामिल हुए थे।  इसके दूसरे दिन ही शोभा सिकरवार के नाम की कांग्रेस ने औपचारिक घोषणा कर दी।

 



शुरू किया चुनाव अभियान



काफी रस्साकशी के बीच आखिरकार कांग्रेस पार्टी द्वारा  ग्वालियर महापौर के लिए शोभा सिकरवार के नाम पर मोहर लगाते हुए उन्हें पार्टी का कैंडिडेट घोषित कर दिया है जैसे ही यह खबर उनके निवास पर पहुंची तो कार्यकर्ताओं का हुजूम ललितपुर कॉलोनी की ओर उमड़ पड़ा जिसके बाद सुबह शोभा सिकरवार ने अपने विधायक पति डॉ सतीश सिकरवार के साथ अचलेश्वर मंदिर पहुंच कर पूजन किया और कन्या पूजन कर  आशीर्वाद लिया और अपने हुजूम के साथ क्षेत्र में जनसंपर्क भी शुरू कर दिया ।



मुझे सर्वे के आधार पर प्रत्याशी बनाया



प्रत्याशी शोभा सिकरवार से जब पार्टी में उनके नाम को लेकर हुए विरोध पर प्रतिक्रिया पूछी तो वे बोली - कांग्रेस के अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने उन्हें सर्वे के आधार पर प्रत्याशी बनाया है। मैं चार बार पार्षद रहकर सेवा करती रही हूँ लोगों ने मेरे और मेरे पति का काम देखा है। पार्टी के कार्यकर्ताओं से मेरे परिवार के सहज सम्बन्ध है यही सब देखकर कमलनाथ जी ने मुझे टिकिट दिया।  परिवार में थोड़े बहुत मतभेद होते है लेकिन पार्टी का फैसला होने के बाद पूरी पार्टी का बीएस एक ही लक्ष्य है ग्वालियर नगर निगम पर कांग्रेस को विजयश्री दिलाना। और सब इसके लिए संकल्पित भी हैं।


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