Gwalior. बीजेपी नेता अवधेश तोमर ने 22 अप्रैल को फेसबुक पर एक पोस्ट डाली है। इस पोस्ट के बाद ग्वालियर की राजनीति गर्मा गई है। इस पोस्ट में उन्होंने बीजेपी के जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी पार्टी को निजी कंपनी की तरह चला रहे हैं। मूल बीजेपी कार्यकर्ता और नेता अलग-थलग पड़ गए हैं। पार्टी में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष अपने चार लोगों को लेकर पार्टी को मनमर्जी से चला रहे हैं। इसलिए वरिष्ठ नेतृत्व को कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं का असंतोष समझना चाहिए और तत्काल इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।
फेसबुक पर लिखी ये पोस्ट
भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेतृत्व को ग्वालियर की चिंता करना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार से ग्वालियर महानगर के अध्यक्ष की मनमानी जोरों पर चल रही है किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता का कोई सम्मान नहीं और कार्यकर्ताओं में असंतोष पनप रहा है इस बात की चिंता वरिष्ठ नेतृत्व को तत्काल करना चाहिए और ग्वालियर के वरिष्ठ नेताओं से संपूर्ण मामले की जानकारी उनके द्वारा ली जा सकती है अगर इसी प्रकार अध्यक्ष की मनमानी चली तो भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान होगा। कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी महानगर ग्वालियर उदाहरण के लिए तीन घटनाएं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के साथ मुखर्जी भवन में गाली गलौज की गई एवं भगत सिंह मंडल के अध्यक्ष को बिना किसी कारण के जिला अध्यक्ष द्वारा नोटिस दिया गया एवं बृजमोहन शर्मा मंडल अध्यक्ष के साथ गाली गलौज व मारपीट की गई, ऐसी कई घटनाएं है जो कि ग्वालियर महानगर में दिन प्रतिदिन घट रही है इसकी समस्त जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी महानगर के अध्यक्ष की होती है और यह समस्त खबरें दिन प्रतिदिन दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रही है जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है पार्टी नेतृत्व को सोचना चाहिए और तत्काल निर्णय लेना चाहिए।
जिला बीजेपी में बगावत
ग्वालियर बीजेपी के अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बीजेपी को अनुशासन से चलने वाली पार्टी कहा जाता है। जिलाध्यक्ष के लिए फेसबुक पर इस तरह की पोस्ट बताती है कि उनसे नाराजगी अब केवल पार्टी के अंदर की बात नहीं रही। कमल माखीजानी जब जिलाध्यक्ष बने थे उस समय भी उनकी नियुक्ति का काफी विरोध हुआ था। उसके बाद भी कमल के खिलाफ असंतोष बना ही रहा है। पार्टी जिलाध्यक्ष ने असंतोष को खत्म या कम करने के लिए प्रयास करने के बजाए अपनी कार्यशैली से और पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं की उपेक्षा से उसे बढ़ाया ही है।