GWALIOR News. पचपन साल से नगर निगम पर काबिज बीजेपी की पहली बार बागियों ने नींद हराम कर रखी है। तमाम प्रयासों के बावजूद अभी दो दर्जन बागी प्रत्याशी मैदान में है जो बीजेपी के जीत का गणित बिगाड़ रहे हैं। इनके चलते प्रचार अभियान में गति नहीं आ पा रही। बीते तीन दिनों से सभी बड़े और पुराने नेताओं की कोशिश थी कि बागियों को मनाकर सीएम शिवराज सिंह की सभा में घोषणा कर माहौल बनाया जाए लेकिन एक भी बागी सभा में नहीं पहुंचा तो बीजेपी की चिंताएं बढ़ गयीं।
दो दर्जन मैदान में
नामांकन के समय अनेक लोग टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लगभग 105 ऐसे नेता थे जिन्हे पार्टी ने टिकट नहीं दिया लेकिन इन्होने पार्टी के सिंबल पर अपना नामांकन दाखिल किया था। इसके बाद पार्टी के नेताओं ने उनके साथ मान - मनौव्वल का दौर चला और आश्वासनों का भी नतीजतन लगभग ऐसे लोगों ने तो अपने पर्चे वापिस ले लिए। हालाँकि इनमे से ज्यादातर वे लोग थे जिन्होंने डमी रूप से नामांकन भरा था लेकिन दो दर्जन अभी भी ऐसे हैं जो मैदान में डटे हुए हैं।
सीएम की दुहाई भी दी
रविवार को सीएम शिवराज सिंह का ग्वालियर में चुनावी दौरा था। बीजेपी इसका फायदा उठाना चाहती थी। उसके सभी नेताओं ने बागियों से सम्पर्क साधा और उन्हें सीएम के सामने मंच पर समर्थन की घोषणा और सीएम से स्वागत कराने का ऑफर भी दिया गया। कहते हैं कुछ प्रत्याशियों ने सकारात्मक रुख भी दिखाया था। पार्टी को भरोसा था कि आधे उम्मीदवार मान जाएंगे। लेकिन मंच पर सब इंतज़ार करते रहे एक भी बागी नहीं पहुंचा।
बहुत आगे निकल गए हैं
बागियों का कहना है कि अब बात बहुत आगे बढ़ चुकी है। दो बागियों ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। दो आम आदमी के प्रत्याशी के रूप में मैदान में है। हालाँकि दो ऐसे भी है जो निर्धारित समय में अपना नाम वापिस तो नहीं ले पाए लेकिन उन्होने पार्टी को इसकी सूचना दे दी और अभी वे अपने अधिकृत प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे हैं। लेकिन डेढ़ दर्जन वे है जो बात नहीं मान रहे।
पार्टी से करेंगे निष्कासित
बीजेपी के जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने "द सूत्र " से कहा कि बागियों से चर्चा और बातचीत के अंतिम प्रयास कर लिए गए हैं । अब भी जो लोग मानने को तैयार नही है अब बस उनके निकलने की कार्यवाही की जाएगी जो आज कल में हो जाएगी।