GWALIOR : बीजेपी से निष्काषित प्रीतम के समर्थन में उतरा पिछड़ा वर्ग ,एसपी दफ्तर घेरकर दी चेतावनी प्रशासन की चिंता बढ़ गयी

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Dev Shrimali
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GWALIOR : बीजेपी से निष्काषित प्रीतम के समर्थन में उतरा पिछड़ा वर्ग ,एसपी दफ्तर घेरकर दी चेतावनी प्रशासन की चिंता  बढ़ गयी


GWALIOR.  बीजेपी लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के ख़ास प्रीतम लोधी के कथा वाचकों को लेकर आपत्तिजनक बातें कहते हुए एक विडियो  वायरल होने के बाद जहाँ सोशल मीडिया से लेकर बीजेपी तक में इस कदर उफान आ गया था कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सामने उनके द्वारा दी गए सफाई को अस्वीकार कर लोधी को पार्टी से निष्काषित करने की कार्यवाही तक कर दी थी।  ग्वालियर -चंबल संभाग के अनेक थानों में उनके खिलाफ एफआईआर भी दायर हो गयी है ।  बीजेपी को लगा था कि उसने मामले पर काबू पा लिया है लेकिन आज अचानक इस मामले में तब अचानक मोड़ आ गया जब पिछड़ा वर्ग संगठन लोदी के समर्थन में न केवल खड़े हो गए बल्कि उन्हने एसएसपी दफ्तर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन  कर ज्ञापन सौंपा इसमें अल्टीमेटम दिया गया कि लोधी के मामले की जांच हो और जिन लोगों द्वारा लोधी और पिछड़ों के खिलाफ अपमान जनक टिप्पणियां की गयीं और जान से मारने की धमकियां दी जा रहीं हैं उनके खिलाफ दो दिन में कड़ी कार्यवाही नहीं की गई तो ग्वालियर अंचल में बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। ज्ञात रहे कल कथावाचक धीरेन्द्र शास्त्री ने लोधी का नाम लिए बगैर उनकेविरुद्ध काफी तीखी और आक्रामक टिप्पणियां की थी।



एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन




भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित पिछड़ा वर्ग समाज के नेता प्रीतम लोधी पर ब्राह्मण समाज का अपमान करने के मामले में अंचल के अनेक थानों  में दर्ज हुईं एफआईआर  के बाद अब मामला शांत होने की जगह और भी खतरनाक हो गया है।  अब ओबीसी महासभा ने प्रीतम लोधी के समर्थन में मोर्चा खोलते हुए सर्व ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों पर ही प्रीतम लोधी के खिलाफ गलत बयानबाजी करने और उन्हें जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए एसपी ऑफिस पहुंचकर जबरदस्त प्रदर्शन किया।  उन्होंने एसपी के नाम सम्बोधित  ज्ञापन सौंपकर  प्रीतम लोधी पर हुई सभी एफआईआर को निरस्त करने और लोधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले सर्व ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों पर मामला दर्ज करने की मांग की



इससे नाराज है ओबीसी महासभा



ओबीसी महासभा के नेताओं का कहना है की भाजपा सरकार के इशारे पर प्रीतम लोधी पर एफ आई आर दर्ज की गई है भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा लगातार पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों का अपमान किया जा रहा है।   पूर्व महापौर चुनाव के दौरान भी भाजपा की ग्वालियर महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा ने खुलेआम पिछड़ा वर्ग नेता का अपमान किया था ऐसे में भारतीय जनता पार्टी जाति विशेष के समर्थन में काम कर रही है और पिछड़ा वर्ग समाज का लगातार अपमान किया जा रहा है अगर उनकी मांगों पर दो  दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो ओबीसी महासभा सभा द्वारा तीसरे दिन ग्वालियर में विशाल जन आंदोलन किया जाएगा वही ओबीसी महासभा के प्रदर्शन को देखते हुए एसपी ऑफिस पर भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे जिन्होंने ज्ञापन देने आए लोगों को जांच का आश्वासन भी दिया।



    ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष राजेश कुशवाह ने कहाकि बीजेपी शुरू से ही ओबीसी विरोधी पार्टी है और मौका लगते ही वह ओबीसी नेता को टारगेट कर पूरे समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करती है। मेयर के चुनाव में मेयर प्रत्याशी द्वारा एक सीनियर ओबीसी नेता प्रजापति के खिलाफ प्रत्याशी द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग कर अपमानित किया गया और अब प्रीतम लोधी को निशाना बनाया गया जबकि उनका तात्पर्य पाखंडियों से था। उन्होंने कहाकि वे यह नहीं कह रहे कि गलती करने पर केस न चलाया जाए लेकिन बगैर जांच के कैद दर्ज करना अनुचित है और  पहले पुलिस इस पूरे मामले की जांच करे उसके बाद ही कार्यवाही करे और। उन्होंने कहाकि विगत दो दिनों में सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ जिन भी लोगों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की है उन सबके खिलाफ कार्यवाही की जाए। ओबीसी नेताओं ने दो दिन का अल्टीमेट भी दिया और कहाकि अगर दो दिन के भीतर उनकी मांगो पर कार्यवाही नहीं की गयी तो ओबीसी समाज बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।



कल ही धीरेन्द्र शास्त्री ने की थी तल्ख़ टिप्पणी



इस समय चर्चित कथावाचक धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा कथा के दौरान इस मामले पर दिया वक्तव्य सोशल मीडिया  पर जमकर बायरल हो रहा है जिसमें लोधी का नाम लिए बगैर उनके खिलाफ काफी आक्रामक भाषा का उपयोग किया गया और लोगों से उनका बहिष्कार करने के साथ और भी भड़काऊ शब्द उपयोग में लाये गए है।



क्या है यह विवाद



ग्वालियर जिले के जलालपुर गाँव के रहने वाले लोधी जाति के प्रीतम लोधी बीजेपी के नेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती के करीबी रिश्तेदार है। बीजपी में वे कितने मजबूत रहे हैं इसका अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पार्टयी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के कद्दावर विधायक पूर्व मंत्री के पी सिंह के खिलाफ पिछोर विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया। पिछोर शिवपुरी जिले में है। स्थानीय निवासी न होने के बावजूद प्रीतम ने वहाँ कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी। हालाँकि वे हार गए। इस क्षेत्र में लोधी मतदाताओं की बड़ी संख्या है और वे इसी क्षेत्र में सक्रीय रहकर अगले चुनाव की तैयारी में जुटे हुए थे और इसी सिलसिले में लोधी समाज द्वारा वीरांगना अवन्ति बाई लोधी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में ही उन्होंने कथाबाचकों और ब्राह्मणों को लेकर काफी टिप्पणियां की थी जिनके सोशल मीडिया पर बायरल होते ही भूचाल मच गया और पूरा ब्राह्मण समाज आक्रोशित होकर मैदान में उतर गया था। इसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें तलब किया।  लोधी ने अपने स्पष्टीकरण में खाकी उनके विडिओ को काँटछाँटकर चलाया गया जबकि उन्होंने सिर्फ राम रहीम और आशाराम जैसे पाखंडियों के बारे में कहा था।  उन्होंने कहाकि वेब्ऱह्मणों को सदैव आदर देते है और उनके बारे भी नहीं कहा।  लेकिन उबलते ब्राह्मण समाज के गुस्से को देखते हुए शर्मा ने उनकी अपील को ख़ारिज करते हुए प्रीतम लोधी को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से ही निष्काषित करने का आदेश जारी कर दिया।



आधा दर्जन एफआईआर हो चुकी हैं दर्ज



इस घटनाक्रम के बाद लोधी की दिक्क्तें बढ़ती ही जा रहीं है।  एक तरफ तो उन्हें बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया वही दूसरी और उनके खिलाफ ग्वालियर,शिवपुरी और मुरैना जिले के अलग - अलग थानों में आधा दर्ज आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जा चुके है। इनमें कार्यवाही के रूप में उनकी गिरफ्तारी की मांग लगातार उठ रही है। इस घटनाक्रम से बीजेपी में भी चिंता है क्योंकि मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में लोधी वोट हैं। ग्वालियर -चम्बल संभाग में भी इनकी बड़ी तादाद है लेकिन इनको एकजुट करने के प्रीतम के अलावा बीजेपी के पास और कोई लोधी नेता नहीं है। अंचल की लगभग दस सीटों पर लोदी वोट हार जीत में अपना रोल दिखा सकते हैं।



चेतावनी के बाद प्रशासन भी चिंतित



घटनाक्रम से ग्वालियर का पुलिस और प्रशासन भी चिंतित हो गया है क्योंकि अगर यह मामला ज्यादा ज़िंदा रहता है तो समाज पिछड़ा और सवर्ण में बाँट सकता है।  2018 में ग्वालियर से शुरू हुआ दलित और पिछड़ा संघर्ष बहुत हिंसक हो गया था जिसकी गूँज देश भर में हो गयी थी। एक तरफ यहाँ भीम आर्मी पहले से ही प्रशासन की चिंताएं बढाए हुए है और अगर पिछड़े भी सड़क पर उतर आये तो दिक्कत और ज्यादा बढ़ जायेगी।


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