संजय गुप्ता. INDORE. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं हुई है। जिला कोर्ट ने यह कहते हुए रीवा निवासी आशीष सिंह को जिला कोर्ट ने जमानत दे दी है। याचिकाकर्ता के वकील मनीष यादव ने बताया कि सितंबर माह में कनाडिया थाने पर फरियादी निमेष पाठक द्वारा इस संबंध में आशीष सिंह रीवा निवासी के खिलाफ कनाडिया थाने में केस दर्ज कराया गया था। वह बीजेपी विधि प्रकोष्ठ में नगर संयोजक है।
यह है मामला
शिकायत में पाठक ने कहा था कि उसे वेबसाइट से जानकारी प्राप्त हुई है कि आशीष सिंह के द्वारा अपनी एनजीओ की वेबसाइट पर खजुराहो सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का फोटो लगाया गया है और इसके जरिए धोखाधड़ी की गई है। पुलिस ने आशीष सिंह के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी संबंधित धाराओं में प्रकरण दर्ज कर इंदौर के निवास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आशीष की ओर से एडवोकेट मनीष यादव, रोहित उज्जैनी ने सत्र न्यायालय में जमानत आवेदन दायर कर तर्क रखे कि पुलिस द्वारा निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ़ बिना जांच आरोप लगाते हुए, उसे गिरफ्तार किया गया है। उसका एनजीओ प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है वो चार साल पहले ही उसस संस्था से इस्तीफा दे चुका है और तो और शिकायतकर्ता के साथ या भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के साथ किस प्रकार की धोखाधड़ी हुई ऐसा कोई सबूत ही नहीं और ना ही शर्मा ने इस संबंध में कोई शिकायत की है। पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते प्रकरण बिना सबूत के दर्ज किया है।
जमानत देते हुए कही बात
सभी पक्षों को सुनने के बाद 16वें अपर सत्र न्यायाधीश राजेश अग्रवाल की कोर्ट ने एडवोकेट मनीष यादव के तर्कों से सहमत होकर आशीष सिंह को जमानत पर देने के आदेश देते हुए कहा कि वीडी शर्मा के खिलाफ किसी तरह की धोखाधड़ी के सबूत नहीं पाए गए हैं।