Bhopal. मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में एक बार फिर बैंकों के निजीकरण के विरोध में आंदोलन का आगाज होने जा रहा है। बैंक कर्मचारियों की संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि, अगले लोकसभा सत्र में बैंकों के निजीकरण के लिए केंद्र सरकार ने प्रावधानों और नियम लाने की पूरी तैयारी कर ली है।
पैसों का नही हो रहा सही तरीके से उपयोग
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार की मंशा साफ कर चुकी है। बैकिंग संगठनों का आरोप है कि, सरकारी बैंकों में करीब सवा सौ करोड़ रुपये की जमा राशि का सही तरीके से उपयोग नहीं कर रही है। इसके अलावा बड़े उद्योगपतियों पर अरबों के ऋण चोरी के मामले में भी चुप्पी साधे हुए हैं।
अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी चेतावनी
सरकार न सिर्फ बैंक कर्मचारियों बल्कि जनता के हित में लगाए जाने वाले अरबों रुपये की राशि को निजी हाथों में सौपने के विरोध में पूरे देश में आंदोलन शुरू होंगे। यदि लोकसभा में बैंक निजीकरण से संबंधित एक भी प्रावधान लगाया गया तो अनिश्चितकालीन बैकिंग हड़ताल को संगठन के केंद्रीय नेतृत्व ने हरी झंडी दी है। इस हड़ताल और आंदोलन से रोजाना करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान भी सरकार को ही उठाना होगा। देशभर में 10 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से करोड़ो अरबो के कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा।