मध्यप्रदेश के करीब 40 हजार बैंक कर्मचारी 16 और 17 दिसंबर को दो दिन की हड़ताल करेंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर यह देशव्यापी हड़ताल रहेगी। बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के विरोध में ये हड़ताल हो रही है। एमपी में 7 हजार ब्रांचों में दो दिन तक ताले लटके रहेंगे। भोपाल में 300 ब्रांच हैं। 5 हजार बैंककर्मी इस हड़ताल में शामिल रहेंगे।
क्यों हो रही है हड़ताल
यूनियंस के को-ऑर्डिनेटर वीके शर्मा और संयोजक संजीव सबलोक ने बताया, देशव्यापी हड़ताल में मध्यप्रदेश के सभी बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी हिस्सा लेंगे। उनका कहना है कि सरकार बैंकों के निजीकरण को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। इसका देशभर में विरोध किया जा रहा है। इसलिए 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल करके सरकार को चेताएंगे। यदि सरकार ऐसे प्रयास नहीं रोकती है तो आगे भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक की तैयारी
सरकार ने संसद के चालू शीत सत्र में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक लाने और उसे पारित कराने की तैयारी की है। संसद की कार्यसूची में यह शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने फरवरी में पेश केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि दो सरकारी बैंकों (PSBs) का निजीकरण किया जाएगा। सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत यह निजीकरण करने जा रही है।
हड़तास से पहले पूरे कर लें जरुरी काम
बैंक हड़ताल के बाद 18 दिसंबर को शनिवार है। ऐसे में ज्यादा काम नहीं होगा। 19 दिसंबर को रविवार होने से बैंक की छुट्टी रहेगी। ऐसे में लोग हड़ताल से पहले अपने जरूरी काम निपटा लें।
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