नए साल में झटका: MP में बिजली कंपनियों का प्रपोजल, 100 यूनिट पर 36 रु. बढ़ सकते हैं

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नए साल में झटका: MP में बिजली कंपनियों का प्रपोजल, 100 यूनिट पर 36 रु. बढ़ सकते हैं

भोपाल. वित्तीय वर्ष 2022-23 (financial year 2022-23) में प्रदेश की बिजली कंपनियां (power companies) उपभोक्ताओं (consumers) को जोर का झटका देने की तैयारी में हैं। बिजली कंपनियों ने घरेलू बिजली (domestic electricity) की दरों में लगभग 10 प्रतिशत और खेती के लिए दी जाने वाली बिजली (agriculture electricity) की दरों में साढ़े 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी (increase) करने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए मध्यप्ररदेश राज्य नियामक आयोग (Madhya Pradesh State Regulatory Commission) में कंपनियों ने याचिका भी लगाई है। बिजली कंपनियों के इस फैसले के खिलाफ 12 जनवरी तक नियामक आयोग के सामने बिजली उपभोक्ताओं को आपत्तियां दर्ज (objections filed) करानी होगी। आपत्तियों की संख्या के आधार पर आयोग इस फैसले पर अपना निर्णय देगा।



8 से 10 फरवरी के बीच होगी आपत्तियों पर जनसुनवाई : बिजली कंपनियों के दावे और उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गईं आपत्तियों के निराकरण के लिए राज्य नियामक आयोग 8 से 10 फरवरी तक जनसुनवाई आयोजित करेगा। यदि उपभोक्ताओं की आपत्तियां और तर्कों से आयोग सहमत हुआ, तो ही बिजली कंपनियों की मनमानी पर रोक लग पाएगी। प्रदेश में पहले से ही बिजली काफी महंगी है। उस पर धरेलू और खेती की बिजली पर लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की सिफारिश की गई है।



बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव




  • घरेलू बिजली-9.97%


  • कृषि बिजली-10.61%

  • वाणिज्यिक बिजली-4.44%

  • निम्न दाब औद्योगिक बिजली-5.11%

  • सप्लाई जल और पथ प्रकाश की बिजली दर-10.11%

  • प्रदेश की तीनों कंपनियों ने 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत है जिसके लिए कंपनियों ने दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया है।



  • दरअसल प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने वित्तीय बर्ष 2022-23 के लिए सरकार को 48 हजार करोड़ रुपए की जरूरत बताई है। कंपनियों ने इस दौरान 67 हजार 964 मिलियन यूनिट बिजली बेचने का अनुमानित लक्ष्य तय किया है। कंपनियों का कहना है कि वर्तमान कीमत पर बिजली बेचने पर उन्हें 44 हजार 957 करोड़ रुपए ही मिल पाएंगे। तीन हजार करोड़ के घाटे को पूरा करने के लिए तीनों बिजली कंपनियों ने इसकी राशि उपभोक्ताओं से वसूलने की योजना बनाई है।



    आम उपभोक्ताओं पर कैसे बढ़ेगा बोझ









    इतना यूनिट खर्च


    पहले चुकाने होते थे


    अब चुकाने होंगे





    0 से 30


    3.25 रुपए


    3.57 रुपए





    0 से 50


    4.13 रुपए


    4.54 रुपए





    51 से 150


    5.05 रुपए


    5.55 रुपए





    151 से 300


    6.45 रुपए


    7.09 रुपए





    300 से अधिक


    6.65 रुपए


    7.31 रुपए






    किसानों की जेब में भी लगेगी आग 









    इतना यूनिट खर्च


    अब चुकाने होंगे


    अब चुकाने होंगे





    300 यूनिट तक


    4.69 रुपए 


    5.19 रुपए प्रति यूनिट





    301 से 750 यूनिट


    5.72 रुपए


    6.33 रुपए





    750 यूनिट तक


    6.00 रुपए


    6.64 रुपए





    25 एचपी तक


    5.30 रुपए


    5.86 रुपए






    रेलवे और ई-व्हीकल के लिए नहीं बढ़ेगी कीमतें : बिजली कंपनियों ने जहां आम उपभोक्ता और किसानों के लिए बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी करने का फैसला लिया है। वहीं रेलवे और ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन और व्यवसायिक ई-चार्जिंग स्टेशन की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी। इसको लेकर कंपनियों की दलील है कि उनकी कोशिश है की रेलवे उन से और बिजली खरीदे। वहीं ई-व्हीकल को प्रोत्साहन देने की नीति के कारण उनके लिए दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।



    2019-20 का बिजली भार वसूलेगी कंपनियां : बिजली कंपनियां टैरिफ याचिका अनुमान के आधार पर पेश करती है। फिर वित्तीय वर्ष की समाप्ति होने पर असल खर्च का पता चलता है। इसे कंपनियां सत्यापित ट्रू-अप के तौर पर उपभोक्ताओं से वसूलती हैं। लगभग दो हजार करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2019-20 की ट्रू-अप याचिका के तौर पर वसूलने का प्रस्ताव दिया है।


    financial year consumers domestic electricity power companies objections filed Madhya Pradesh State Regulatory Commission agriculture electricity increase