अरुण तिवारी, BHOPAL. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने एक नया प्रयोग किया है। महिला कांग्रेस ने प्रियदर्शनी संगठन बनाया है। प्रियदर्शनी नाम इसलिए क्योंकि ये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम था। प्रियदर्शनी संगठन के जरिए कांग्रेस कॉलेज की लड़कियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। महिला कांग्रेस ने कॉलेज की लड़कियों को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (PCC) में जमा किया और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उनको भ्रम दूर कर सच्चाई का साथ देने का पाठ पढ़ाया। कमलनाथ ने उन लड़कियों के साथ फोटो भी खिंचवाई।
लड़कियों को राजनीति में लाना चाह रहे, पर उन्हें रुचि ही नहीं
बात भले ही समाजसेवा की हो रही हो लेकिन मंच पूरी तरह राजनीतिक था। लेकिन इसमें एक दिलचस्प बात भी दिखाई दी। जो लड़कियां पीसीसी पहुंची उनको राजनीति में कोई दिलचस्पी ही नहीं। उन्होंने तो यहां तक कहा कि सभी राजनीतिक दल एक जैसे होते हैं, कई अच्छे काम भी करते हैं और बुरे काम भी करते हैं।
युवा लड़कियां कांग्रेस से जुड़ें- प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस भले ही इस अराजनीतिक संगठन करार दे रही हो, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि पार्टी को पढ़े लिखे युवाओं की जरुरत है और खासतौर पर आधी आबादी की। इन पढ़ी लिखी लड़कियों के जरिए प्रोफेशनल महिलाओं को पार्टी के पाले में लाया जा सकता है। इनको मंच देकर इन्हें पार्टी से जोड़कर अहम जिम्मेदारी भी दी जाएगी। कांग्रेस की कोशिश पार्टी से छिटके इस वर्ग को फिर से खुद से जोड़ना है। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल कहती हैं कि युवा लड़कियों को एक नजरिया देने की कोशिश है। इसमें कोई जबर्दस्ती नहीं कि वे राजनीति में आएं और कांग्रेस जुड़ें।
बाल कांग्रेस के बाद अब प्रियदर्शनी कांग्रेस
कांग्रेस के प्रयोग बहुत ज्यादा जमीन पर नजर नहीं आ रहे। कांग्रेस ने इससे पहले बाल कांग्रेस का गठन किया। इसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बच्चों को पार्टी में शामिल करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ये संगठन भी बड़े नेताओं के घरों तक सिमट गया है। सवाल ये भी है कि बच्चे स्कूल जाएंगे या फिर राजनीति करेंगे। अब कांग्रेस को प्रियदर्शनी संगठन से बड़ी उम्मीदें हैं, यही कारण है कि कमलनाथ ने सच्चाई का साथ देने के बहाने रोजगार की बात भी छेड़ी। अब इनको समझना है कि आखिर सच्चाई क्या है और भ्रम क्या है।