बैतूल. बीते साल पंकज त्रिपाठी की एक वेब सीरीज आई थी, जिसमें वे खुद को जिंदा साबित करने की लड़ाई लड़ते हैं। सालों की लड़ाई के बाद उन्हें जीत मिलती है। ऐसा ही एक वाकया बैतूल में नजर आया। यहां 12 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में हंगामा हो गया। शिवराज यहां किसानों को फसल बीमा की रकम बांटने आए थे। उन्होंने भाषण शुरू किया ही था कि एक युवक अपने 70 साल के पिता के साथ खड़ा होकर चीखने लगा। युवक अपने पिता को जिंदा करने के लिए गुहार लगा रहा था। करीब 10 मिनट के हंगामे के बाद पुलिस पिता-पुत्र को कोतवाली थाने ले गई। खुद SP सिमाला प्रसाद को सामने आकर हंगामा शांत कराना पड़ा।
बेटे के आरोप: युवक के बुजुर्ग पिता का कहना है कि 17 साल पहले सिस्टम ने मुझे कागजों में मार डाला, जमीन पर भी कब्जा कर लिया। अब सालों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए सिस्टम से लड़ रहा हूं। बेटे का कहना है कि जमीन हड़पने वाले आरोपी जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं।
ये है मामला: तिलकचंद धाकड़ का आरोप है कि उनके रिश्तेदार शिवरति और राजेंद्र ने ठेकानामा बनाने की आड़ में उनके परिवारवालों से कई कागजों पर दस्तखत करवाए थे। इसके बाद 11 दिसंबर 2000 को किए गए नामांतरण में उन्हें मृत घोषित कर दिया। साथ ही उनके नाम से गांव देवभिलाई में 2.732 हेक्टेयर जमीन है, जिसकी फर्जी तरीके से रजिस्ट्री भी करवा ली गई। पीड़ित ने धोखाधड़ी में पटवारी हरिदास और RI पूनम की भी खास भूमिका रहने का आरोप लगाया। अब ये बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है। उसने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर तक इस मामले की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।