नवीन मोदी,GUNA.गुना के एक प्रतिष्ठित ज्वैलर्स शो रूम से एक दंपत्ति ने आभूषण खरीदे, हर गहना अलग वेट का था, उसकी शुद्धता भी अलग-अलग थी। मगर जब बिल देखा तो पता चला कि 20 और 22 कैरेट यानी कम शुद्ध सोने से बनी ज्वैलरी का भाव भी ज्वैलर्स द्वारा 24 कैरेट सोने का लगाया गया है। जो कि सरासर बेइमानी का उदाहरण है। ऐसे ही मामले आए दिन हर शहर में सामने आते रहते हैं, अधिकांश लोग तो जान ही नहीं पाते हैं कि वे लुट चुके हैं। शिकायत करना तो दूर की बात है। आंख तब खुलती है जब सारे रास्ते हो जाते हैं बंद। अब ऐसी ही लूट से बचने के लिए हम आपको दे रहे हैं कुछ टिप्स। जब भी आप गोल्ड ज्वैलरी खरीदने जाएं इन्हें जरूर रखें याद.....।
आभूषण खरीदते समय गाढ़ी कमाई की ठगी से बचें
दीपावली उपरांत देव उठनी ग्यारस से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। लेकिन शादी की तैयारियां अभी से जारी हैं। ज्वैलरी के बिना शादियों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती ये है कि टांका मार-मारकर दिन दूनी रात चौगुनी कमाई कर रहे ज्वैलर्स के सामने आप कैसे टिकें और आभूषण खरीदते समय वर्षों की गाढ़ी कमाई की ठगी से कैसे बचें। असली (शुद्ध) सोने की पहचान करना आसान नहीं होता। लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर आप गलत चीज खरीदने और खुली आंखों के सामने हो रही लूट से बच सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि सोना खरीदते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे आप ठगी से बच सकें।
इन बातों का रखें ध्यान
सोना खरीदते वक्त उसकी क्वॉलिटी पर जरूर गौर करें। गांठ बांध लें कि #हॉलमार्क देखकर ही सोना खरीदना है। हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस)करती है। हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत संचालन,नियम और विनियम का काम करती है।
24 कैरेट सोने के नहीं बनते आभूषण
अगर कोई सुनार आपसे कहे कि ये ज्वैलरी 24 कैरेट सोने की है,तो आप समझ जाइए कि वह सफेद झूठ बोल रहा है,उसकी नियत में खोट है। 24 कैरेट सोने के आभूषण नहीं बनते क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है। सबसे शुद्ध सोने के आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है।
ये निशान जरूर देखें
सोने के गहने और कलाकृतियों पर BIS हॉलमार्क में कई घटक होते हैं।
- बीआईएस का लोगो
इन पांच घटकों का होना जरूरी है। 2 ग्राम से अधिक वजन के आभूषण पर ये घटक अवश्य होना चाहिए। इन्हें आप मेगनीफाईन ग्लास से या मोबाइल कैमरे से फोटो खींचने के बाद फोटो को जूम करके देख सकते हैं।
सभी कैरेट का हॉलमार्क अंक अलग होता। मसलन 24 कैरेट पर 999 लिखा होता है इसका अर्थ है कि सोना 99.9 फीसदी शुद्ध है। सोने के आभूषण पर 23 कैरेट या 958 लिखा है तो सोना 95.8 फीसदी शुद्ध है। इसी तरह 22 कैरेट या 916 लिखा है तो सोना 91.6 फीसदी, 21 कैरेट या 875 लिखा है तो सोना 87.5 फीसदी और 18 कैरेट या 750 लिखा है तो सोना 75 फीसदी ही शुद्ध है। इससे शुद्धता के प्रतिशत में शक नहीं रहता। याद रखें बीआईएस ने सिर्फ 14,18 और 22 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी की बिक्री को ही मंजूरी दी है।
ऐसे समझें सोने की शुद्धता
1 कैरेट गोल्ड का मतलब होता है 1/24 पर्सेंट गोल्ड, अगर आपके आभूषण 22 कैरेट के हैं तो 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें। (22/24)x100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने की शुद्धता 91.66 फीसदी है।
ऐसे निकालें कीमत
सोने की कीमत निकालना भी आसान है। लेकिन ग्राहक को पता ही नहीं होता कि कीमत कैसे निकाली जाए। इस मामले में वह पूरी तरह ज्वैलर्स पर निर्भर रहता है। खरीदी के दौरान ज्वैलर्स की मीठी मीठी बातों,डिजाइन की चकाचौंध और चाय की पेशकश में उलझकर अक्सर ठगा जाता है। जबकि ज्वैलरी की कीमत निकालना आसान है।
मसलन 24 कैरेट सोने का रेट यदि 45000 रुपए है, लेकिन जब आप बाजार में कोई आभूषण खरीदने जाते हैं, जो कि 22 कैरेट सोने से बने हैं तो आपके आभूषण में लगे सोने का दाम (45000/24)x22=42166 रुपए ही होगा। ऐसे ही 18 कैरेट गोल्ड की कीमत (45000/24)x18=34500 होगी। इसमें ज्वैलर्स 10% के मान से आभूषण बनाने का चार्ज जोड़ेगा और कुल 3% जीएसटी जोड़कर बिल देगा।
ऐसे होती है ठगी
अधिकांश ज्वैलर्स कम शुद्ध सोने यानी 22 कैरेट,18 कैरेट या 14 कैरेट से बनी ज्वैलरी के दाम भी 24 कैरेट सोने की कीमत से जोड़ते हैं, जो सरासर धोखाधड़ी है। इसी तरह हॉलमार्क,बीएसआई,मार्क के बिना बनाई गई। अप्रमाणिक और मिलावटी ज्वैलरी खुद की गारंटी पर बेचकर ग्राहक को बेवकूफ बनाते हैं और कच्चे बिल देकर ज्वैलर आपको ठगते हैं।